प्रदेश में पॉलीटेक्निक संस्थानों में बीटेक पाठ्यक्रम के संचालन पहला मामला वित्त विभाग में अटका है। वर्तमान शैक्षिक सत्र बीतने को है, लेकिन एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन) दिल्ली से अनुमति और उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय की कार्यसमिति के अनुमोदन के बाद भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। मामला तकनीकी शिक्षा मंत्री के गृहक्षेत्र स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक नरेंद्र नगर से जुड़ा है।
पॉलीटेक्निक संस्थानों में डिप्लोमा आधारित तकनीकी शिक्षा दी जाती है, लेकिन अब यहां बीटेक के छात्रों को भी पढ़ाने की योजना है। प्रयोग के तौर पर शासन ने पिछले वर्ष नरेंद्र नगर स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक में बीटेक की कक्षाएं शुरू करने के लिए अनापत्ति जारी की थी। एआईसीटीई की टीम ने संस्थान का भौतिक सत्यापन किया। अनुमति के बाद उत्तराखंड तकनीकी विवि ने पॉलीटेक्निक में विवि के कैंपस संस्थान के रूप में बीटेक शुरू करने के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कराईं। साथ ही विवि की कार्य परिषद ने भी यहां बीटेक पाठ्यक्रमों के संचालन का अनुमोदन कर दिया।
माना जा रहा था कि वर्तमान शैक्षिक सत्र से बीटेक में प्रवेश शुरू होंगे, लेकिन विवि की ओर से सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में बीटेक व अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कई चरणों की काउंसलिंग प्रक्रिया भी पूरी कर ली है और संस्थानों ने प्रवेश भी ले लिए हैं, लेकिन अभी तक नरेंद्रनगर पॉलीटेक्निक में प्रवेश के लिए शासन से अनुमति जारी नहीं हुई है।
दो ब्रांच में 90 सीटों पर प्रस्तावित हैं प्रवेश
पॉलीटेक्निक में बीटेक की दो ब्रांच में प्रवेश प्रस्तावित हैं। इसके तह कंप्यूटर साइंस की ब्रांच में 60 और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड मशीन लर्निंग ब्रांच में 30 सीटों पर प्रवेश लिए जाने हैं। हालांकि, देरी से अनुमति जारी होने के चलते प्रवेश लेने वाले छात्रों की कमी रहेगी। क्योंकि, हाल ही में यूटीयू ने काउंसलिंग पूर्ण कराई है। इसमें अधिकांश छात्र प्रवेश ले चुके हैं।
नरेंद्र नगर पॉलीटेक्निक परिसर में बीटेक संचालन का मामला वित्त विभाग में अटका है। जल्द ही यहां से अनुमति दिलाने के बाद कैबिनेट में पास करा लिया जाएगा। इसी सत्र से बीटेक में प्रवेश शुरू कराए जाएंगे। – सुबोध उनियाल, तकनीकी शिक्षा मंत्री
हमारी ओर से पूरी तैयारी है। जैसे ही शासन की ओर से आदेश जारी होंगे, तभी प्रवेश प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी। पदों के सृजन के मद्देनजर फैकल्टी आदि की व्यवस्था भी कर दी जाएगी। – प्रो. ओंकार सिंह, कुलपति, उत्तराखंड तकनीकी विवि