उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार सूबे के किसानों की कर्ज माफी का ढिंढोरा पीट रही है, जबकि मेरठ में कर्ज माफी के बाद भी किसानों के माफ किए गए पैसे की बैंक ने सूद सहित दोबारा वसूली शुरू कर दी गई है. बैंक द्वारा ये वसूली कहीं गन्ना रकम के भुगतान के रूप में की गई है, तो कहीं किसान क्रेडिट की लिमिट बढ़ा कर.
कर्ज माफी के बाद पैसे की वसूली से सूबे की सरकार भी सकते में है. वहीं बैंकों का कहना है कि कर्ज माफी की वसूली उन किसानों की गई है जो इसके हकदार नहीं थे. बैंक की ऑडिट में पाया गया कि गलती से इन किसानों के ऋण का भुगतान हो गया था. इसीलिए अब उनसे पैसे वसूल कर लिए गए हैं.
बता दें कि माफ किए गए कर्ज की वसूली मेरठ से की गई है. यहां दो बैंक शाखाओं के 50 से ज्यादा किसानों से पैसे वसूले गए हैं.
बैंक से लोन बना मुसीबत
मेरठ में कृषि के लिए सरकारी बैंक से लोन लेना किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. सरकार द्वारा किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया गया था. लेकिन आरोप है कि मेरठ में किसानों से कर्ज माफ किया गया और फिर उस को दुबारा वसूल किया जा रहा है. बल्कि उक्त कर्ज को चुकाने के लिए रकम से ज्यादा वसूलने की रिकवरी की जा रही है. इस प्रकरण में किसानों के शासन और प्रशासन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया. साथ ही उनका कर्ज माफ करने की मांग की है.
किसानों ने लगाया आरोप
मेरठ के लावड़ कस्बा के गांव जमालपुर के रहने वाले राजबीर जो कि किसान हैं उन्होंने खेती के लिए बैंक से लगभग 43 हजार रुपये कर्ज लिया था. सूबे की योगी सरकार बनने के बाद किसानो का कर्ज माफ करने का ऐलान किया गया. इसमें राजबीर का भी कर्ज माफ हो गया. लेकिन राजबीर का आरोप है कि बैंक ने उनसे अब दोगुनी रकम वसूल ली है.
राजबीर का कहना है कि जब वो बैंक गए तो उन्हें अधिकारियों ने बताया कर्ज माफी के लिए वो अयोग्य पाए गए हैं. इसलिए अब उन्हें कर्ज ब्याज समेत वापस बैंक को लौटाना होगा. लाचार राजबीर ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कर्ज माफी की मांग की है.
गलती से किया गया लोन माफ
वहीं बैंक अधिकारियों का कहना है उनकी शाखा से 414 किसानों का कर्ज माफ किया गया था, जिनमें से ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर जांच में 36 किसान कर्ज माफी के लिए अयोग्य पाए गए हैं. ऐसे 414 किसानों में से 36 किसानों से कर्ज की रिकवरी की गई है. इन सभी का गलती से लोन माफ कर दिया गया था.
बता दें कि योगी सरकार के सबसे प्रचारित कार्यक्रम की हवा अखिलेश यादव ने भी निकालने की कोशिश की. अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन किसानों को खड़ा किया जिनके माफ कर्जे को दोबारा वसूला गया है. योगी सरकार के कर्ज माफी के पर्चे को किसानों ने दिखाए और कहा उनकी माफ हुई कर्ज को बैंक ने दोबारा वसूल लिया है.
बैंकों के मुताबिक, सरकार ने सिर्फ लघु और सीमांत किसानों का कर्ज़ माफ किया है, जबकि कई बड़े किसानों का कर्ज भी माफ हो गया है. ऐसे में उनसे कर्ज वापस वसूला जा रहा है. सरकार ने ऐसे शिकायतों के लिए अपना पोर्टल जरूर खोला है. लेकिन ऐसे वसूली को गैर जरूरी बताते हुए जांच की बात कर रही है.