उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसाग्रस्त इलाकों में पीड़ितों को मुआवजा देने का काम शुरू हो गया है। रविवार को यमुना विहार के एसडीएम देवेंद्र कुमार ने अपने दफ्तर में बुलाकर पीड़ितों को सहायता राशि दी। एसडीएम ने पीड़ितों को 25-25 हजार रुपये नकद आर्थिक मदद की। इससे पहले जिले में 69 लोगों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था।
जिन लोगों के घर पूरी तरह से और जिनके घर में ज्यादातर समान जल गया हैं, जिनके घर में मौत हो गई है या गंभीर रूप से लोग घायल हैं, उन्हें तत्काल राहत के रूप में यह धनराशि मुहैया कराई जा रही है। जानकारी के अनुसार, मुआवजे के लिए फॉर्म भरना अनिर्वाय है। फॉर्म में नुकसान की सारी जानकारी मांगी जा रही है। फॉर्म भरने के बाद पीड़ित के घर अधिकारी या कर्मचारी जा रहे हैं। जांच के बाद सभी को मुआवजा दिया जा रहा है। मुआवजे के लिए कोई दस्तावेज नहीं मांगे जा रहे हैं।
इससे पहले शनिवार को सीएम केजरीवाल ने यमुनापार में हिंसा को लेकर नंद नगरी स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में प्रशासन के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। सरकार ने हिंसा पीड़ितों को जल्द से जल्द सहायता पहुंचाने के लिए 18 एसडीएम लगाए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता करके जानकारी दी कि शनिवार को 69 पीड़ित मुआवजे के लिए अधिकारियों को मिले हैं, सभी को रविवार सुबह तक 25 हजार रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता दी जाएगी।
हाथोंहाथ बनाए जाएंगे मृत्यु प्रमाण पत्र
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में दिक्कत न हो इसके लिए जिला प्रशासन की निगरानी में निगम के पंजीकरण विभाग के अधिकारी एसडीएम कार्यालय में बैठेंगे। दिल्ली सरकार ने हिंसा प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों को मुआवजा तभी मिलेगा जब कानूनी प्रक्रिया पूरी होगी।
इसके लिए जरूरी है कि उनका मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध हो। इसी वजह से निगम के अधिकारी नंदनगरी जिलाधिकारी कार्यालय और सीलमपुर एसडीएम कार्यालय में बैठेंगे, ताकि उन्हें तत्काल प्रक्रियाओं को पूरा कर मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाया जा सके।