ईरान की तेल तस्करी पर अमेरिकी कार्रवाई, भारत की दो कंपनियां भी नए प्रतिबंधों की सूची में

अमेरिका ने ईरान की तेल तस्करी और गुप्त व्यापार को रोकने के लिए नए बड़े प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें भारत की दो कंपनियां टीआर6 पेट्रो और आरएन शिप मैनेजमेंट सहित दुनियाभर की कुल 17 कंपनियां शामिल हैं। अमेरिका का कहना है कि ये कदम इसलिए उठाया गया हैं ताकि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम, सेना और आतंकवादी समूहों को पैसा नहीं भेज सके।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ईरान की तेल तस्करी और गुप्त व्यापार नेटवर्क को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों में भारत की एक शिपिंग कंपनी और एक पेट्रोलियम ट्रेडर समेत कई देशों की 17 कंपनियां, व्यक्ति और जहाज शामिल हैं। मामले में अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि ये कदम इसलिए उठाए गए हैं ताकि उस पैसों के प्रवाह को रोका जा सके जिससे ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम, सेना और आतंकवादी समूहों को समर्थन देता है।

बता दें कि भारत की पेट्रोलियम ट्रेडर कंपनी टीआर6 पीईटीआरओ पर आरोप है कि उसने अक्तूबर 2024 से जून 2025 के बीच ईरान से आठ मिलियन डॉलर से अधिक का बिटुमेन खरीदा। अमेरिका के अनुसार यह ईरानी तेल की खरीद की श्रेणी में आता है, जो प्रतिबंधों का उल्लंघन है। इसलिए कंपनी को कड़े आर्थिक प्रतिबंधों में डाल दिया गया।

भारतीय शिपिंग कंपनी आरएन शिप प्रबंधन पर भी कार्रवाई

दूसरी तरफ अमेरिकी द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की श्रेणी में मुंबई स्थित आरएन शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है। इस कंपनी पर आरोप है कि उसने ऐसे जहाज चलाए जो ईरानी कच्चा तेल दूसरी कंपनियों के लिए गुप्त रूप से ले जाते थे। कंपनी से जुड़े दो भारतीय नागरिक जैर हुसैन इकबाल हुसैन सैयद और जुल्फिकार हुसैन रिजवी सैयद को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह कंपनी उन कई देशों के नेटवर्क का हिस्सा मानी जा रही है, जिनमें यूएई, पनामा, जर्मनी, ग्रीस और गाम्बिया शामिल हैं, जो ईरान के लिए चोरी-छिपे तेल परिवहन में मदद करते हैं।

ईरान की एयरलाइन पर भी कार्रवाई

इसके साथ ही अमेरिका ने ईरान की निजी एयरलाइन माहान एयर और उसकी सहायक कंपनी यज्द इंटरनेशनल एयरवेज पर प्रतिबंध बढ़ाए हैं। दावा है कि एयरलाइन ईरान की आईआरजीसी-कोड्स फोर्स के साथ मिलकर सीरिया और लेबनान में हथियार और लड़ाके पहुंचाती है। माहान एयर के कई विमानों को ब्लॉक्ड प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया है।

अमेरिका का दावा और प्रतिबंधों का प्रभाव, समझिए

अमेरिका के मुताबिक, ईरान हाल ही में इस्राइल के साथ 12-दिवसीय युद्ध में हार के बाद अपनी सेना को फिर से खड़ा करने के लिए तेल के इस गुप्त कारोबार पर निर्भर है। ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा कि ईरान की आय रोकना उसके परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के लिए जरूरी है। अब बात अगर इन प्रतिबंधों से पड़ने वाले प्रभावों की करें तो इन कंपनियों और व्यक्तियों की संपत्ति अमेरिका में फ्रीज कर दी गई है।

ऐसे में अमेरिकी नागरिक और कंपनियां इनके साथ कोई भी व्यापार नहीं कर सकेंगे। साथ ही प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर कड़े जुर्माने या कानूनी कार्रवाई हो सकती है। मामले में अमेरिका का कहना है कि इन कदमों का उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि ईरान को अपने व्यवहार में बदलाव लाने के लिए मजबूर करना है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com