जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट व जस्टिस एके चावला की खंडपीठ के समक्ष दो वकीलों ने यह मुद्दा उठाया। इन वकीलों की आयकर ई-रिटर्न को आधार कार्ड की जानकारी नहीं देने के अभाव में आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल ने स्वीकार नहीं किया था।
खंडपीठ ने सरकार व बोर्ड को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल तलवार व अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर अपने आधार संख्या की जानकारी दिए बिना भी आयकर रिटर्न भर सकते हैं और आयकर विभाग उसे स्वीकार करे।
कोर्ट ने कहा कि आयकर विभाग आधार संख्या बताने या उसे पैन कार्ड से जोड़ने के लिए विवश नहीं करेगा। मामले की अगली 14 मई को होगी। पेश मामले में इन वकीलों की ओर से जिरह करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल ने कहा जब सुप्रीम कोर्ट ने आधार को लिंक करने की आखिरी तारीख अगले आदेश तक बढ़ा दी है तो ई-रिटर्न भरने के लिए आयकर विभाग आधार संख्या बताने या उसे पैन कार्ड से जोडने के लिए विवश नहीं कर सकता।
जबकि आयकर विभाग के वकील ने कोर्ट को बताया कि बिना आधार संख्या के आयकर रिटर्न भरा जा सकता है या नहीं, इस मुद्दे पर अभी स्थिति साफ नहीं है।