कभी-कभी आपके मन में भी यह विचार आता होगा कि किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट से आपने कुछ ऐसा सामान खरीद लिया, जिसकी आपको जरूरत नहीं थी। या फिर कुछ ऐसा, जिसके बिना आपका काम आसानी से चल सकता था। अगर ऐसा है, तो निराश होने की जरूरत नहीं, क्योंकि आप ऐसे इकलौते व्यक्ति नहीं हैं। ऑनलाइन कारोबार करने वाली कंपनियां विज्ञापन की खास रणनीति के तहत अक्सर ग्राहक को ऐसे सामान खरीदने के लिए प्रेरित करती हैं, जिनके बारे में उसने सोचा भी नहीं होता।
वेबसाइट पर ग्राहकों को झूठे आंकड़ों या दावों की मदद से किसी प्रोडक्ट की ओर प्रेरित करना ‘डार्क पैटर्न’ कहलाता है। ऑनलाइन कारोबार करने वाली ढेरों वेबसाइट ग्राहकों को लुभाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करती हैं। वेबसाइटों पर डार्क पैटर्न का कितना इस्तेमाल होता है, इसका कोई सटीक आकलन नहीं है। अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस पर एक रिपोर्ट तैयार की है। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया, जिसने 10,000 से ज्यादा वेबसाइटों का विश्लेषण किया। इसमें पाया गया कि करीब 1,200 वेबसाइटों पर इस तरह के तरीके अपनाए गए थे, जिन्हें डार्क पैटर्न की श्रेणी में रखा जाता है।
नीति बनाने की तैयारी में अमेरिका- अमेरिका में इस संबंध में नीति बनाने पर भी चर्चा चल रही है। कई लोगों का मानना है कि झूठे तरीके से ग्राहकों को किसी उत्पाद की ओर आकर्षित करना अपराध की श्रेणी में रखना चाहिए। हालांकि इस संदर्भ में चुनौतियां कम नहीं हैं। कोई भी नियम बनाने से पहले यह परिभाषित करना जरूरी होगा कि डार्क पैटर्न किसे कहा जाए। एक वर्ग मानता है कि जैसे ऑफलाइन कारोबार करने वाली कंपनियां अपना विज्ञापन देती हैं, उसी तरह से ऑनलाइन कंपनियों के लिए भी यह विज्ञापन का ही एक तरीका है।
क्या रास्ते अपनाती हैं कंपनियां- कुछ वेबसाइटों पर किसी उत्पाद की झूठी बिक्री के दावे किए जाते हैं। जैसे ही आप वेबसाइट पर पहुंचते हैं, आपको एक पॉपविंडो दिखाई देती है। उसमें किसी ग्राहक का नाम लिखा रहता है और आपके लिए संदेश होता है, ‘इस ग्राहक ने किसी उत्पाद पर बचाएं हैं 100 रुपये’। नजर पड़ते ही ग्राहक पैसे बचाने की चाह में उस उत्पाद के लिंक पर क्लिक कर देता है। कंपनियां कई बार स्टॉक सीमित होने या खत्म होने का अलर्ट देकर भी ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करती हैं। कई बार उत्पाद की बिक्री के आंकड़े बहुत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए जाते हैं। बहुत से मामलों में उत्पाद की असली कीमत को बहुत ज्यादा बताकर उसपर भारी-भरकम डिस्काउंट देने का दिखावा भी ग्राहक को लुभाता है।