कुछ लोग होते हैं जो हर दिन कोई न कोई बहाना बनाकर ऑफ़िस से छुट्टी लेने की फ़िराक में होते हैं. फिर आते हैं भारतीय, जो जब तक ज़रूरत न हो, तब तक छुट्टी नहीं लेते हैं. फिर आते हैं अनिल मणिभाई नाइक, जिन्होंने 50 साल के करियर में एक भी दिन छुट्टी नहीं ली. काम के प्रति इनकी इस निष्ठा का फल इन्हें रिटायरमेंट के वक़्त 20 करोड़ के ईनाम के रूप में मिला.

कॉर्पोरेट वर्ल्ड में देश के लिए अभूतपूर्व कार्य करने के लिए अनिल मणिभाई नाइक को इस 26 जनवरी को पद्मविभूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. मणिभाई लारसन एंड टर्बो(L&T) कंपनी से पिछले साल चेयरमैन के पद से रिटायर हुए थे.
मणिभई को अपने काम से इतना प्यार है कि इन्होंने अपने 5 दशक के करियर में एक भी छुट्टी नहीं ली. छुट्टियां न ख़र्च करने के एवज में कंपनी ने उन्हें 19.5 करोड़ रुपये अदा किए थे. इनकी कुल पेआउट 137 करोड़ से अधिक थी, जिसमें 2.7 करोड़ रुपये बेसिक सैलरी शामिल है. इनकी रिटायरमेंट ग्रेच्युटी 55 करोड़ और पेंशन एक करोड़ रुपये थी.
गुजरात के एक गांव में एक प्राइमरी टीचर के यहां जन्मे मणिभाई ने 1965 में L&T को बतौर जुनियर इंजीनियर जॉइन किया था. इन्होंने भारतीय नौसेना के लिए स्वदेशी पनडुब्बी अरिहंत और Self-Popelled Gun K9 Vajra को बनाने में अहम योगदान दिया था.
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