फिल्म डायरेक्टर प्रकाश झा ने अपने स्ट्रगल के दिनों में मुंबई के जुहू बीच के फुटपाथ पर कई रातें गुजारी थी। प्रकाश गुरुवार को जमशेदपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बिष्टूपुर में तैयार हो रहे अपने मॉल का विजिट किया।अब देशद्रोहियों की सारी प्रॉपर्टी होगी जब्त, गिलानी की संपत्ति की कीमत लगभग 150 करोड़…
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक 15 अगस्त को इस मॉल का उद्घाटन होना हैप्रकाश झा डायरेक्शन से लेकर कई बिजनेस और फिर पॉलीटिक्स में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं।
साल 2010 में 7 फरवरी को प्रकाश झा ने मौर्या टीवी के नाम से एक न्यूज चैनल लांच किया था। लेकिन लगातार 3 साल घाटे में रहने के बाद अक्टूबर 2013 में जी मीडिया ग्रुप ने इस चैनल को खरीद लिया।
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प्रकाश झा का सपना सांसद बनने का था। उन्होंने दो बार अलग-अलग पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा। पहली बार साल 2004 में प्रकाश ने पश्चिमी चंपारण से लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।
दूसरी बार साल 2014 में एक बार फिर उन्होंने जदयू के टिकट पर बेतिया से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी उन्हें निराशा हाथ लगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्मों में काम करने के लिए जब प्रकाश झा दिल्ली से मुंबई गए तो उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे।
प्रकाश के पास इतने भी पैसे नहीं थे वे अच्छा खा सके और रूम रेंट दे सके। प्रकाश ने कई रातें जुहू बीच के फुटपाथ पर गुजारी थी। असल जिंदगी को ध्यान में रख कर फिल्में बनाने वाले प्रकाश झा ने 1985 में बॉलीवुड एक्ट्रेस दीप्ति नवल से शादी की थी।
इसके बाद इन्होंने एक बेटी को गोद भी लिया था, जिसका नाम दिशा रखा। प्रकाश झा का एक बेटा प्रियरंजन भी है।
हालांकि, आपसी मतभेदों के कारण वर्ष 2002 में दोनों अलग हो गए और 2005 में तलाक ले लिया।
दीप्ति ने बतौर पेंटर ‘इन सर्च ऑफ स्काय’, ‘रोड बिल्डर्स’ और ‘शेड्स ऑफ रेड’ तस्वीर श्रृंखलाओं के माध्यम से अपनी फोटोग्राफी का हुनर दिखाया था।
प्रकाश झा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बोकारो शहर के केंद्रीय विद्यालय नं.1 और कोडरमा जिले के तिलैया में स्थित सैनिक स्कूल से की। बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से बी.एस.सी. ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने डिसाइड किया था कि वे मुंबई जाकर पेंटर बनेंगे।
इसके लिए उन्होंने जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स ज्वाइन किया और इसी दौरान उन्होंने फिल्म ‘ड्रामा’ की शूटिंग देखी और फिर अपना फैसला बदला।
1974 में अपने प्रोफेशनल कोर्स के बीच में ही प्रकाश ने फिल्मों पर काम करना शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्होंने 1975 में अपनी पहली डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘अंडर द ब्लू’ बनाई।
उन्होंने ‘फेसेज आफ्टर स्टॉर्म’ जैसी कई राजनीतिक डॉक्यूमेंट्री भी बनाईं। इन फिल्मों ने बतौर बेस्ट नॉन फीचर फिल्म, नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी जीता।