PEICHING : CHINA के EAST COASTAL झेजियांग DISTIRCT में ढहे चार मकानों के मलबे से एक 3 साल की बच्ची जिंदा बाहर निकाली गई।
आश्चर्य की बात यह है कि 12 घंटे बाद भी बिल्डिंग के मलबे से बाहर निकली इस बच्ची को मामूली खरोचें आई हैं। इसकी वजह यह है कि बिल्डिंग के मलबे और पत्थर को बच्ची के पिता ने अपनी पीठ पर झेल लिया और बच्ची को अपने सीने से लगाकर रखा था। इस हादसे में बच्ची के पिता की तो मौत हो गई लेकिन बच्ची बच गई।
3 साल की मासूम बच्ची वू निंग्सी को छह मंजिला बिल्डिंग के मलबे से बाहर निकालने वाले राहतकर्मी ने बताया कि बच्ची सिर्फ इसलिए बच सकी क्योंकि मृत पिता के खून और शरीर ने बच्ची को मलबे के अंदर संभालने में जीवन रक्षक का काम किया।
बिल्डिंग ढहने के इस हादसे में 3 साल की वू का पूरा परिवार जिंदा दफन हो गया। 26 साल के उसके पिता जूते की फैक्ट्री में काम करते थे जिनके ऊपर सीमेंट का एक मजबूत पिलर गिर गया लेकिन तभी उन्होंने अपनी बच्ची को अपने सीने से चिपका लिया जिससे बच्ची की जान बच गई। वहां से कुछ ही दूरी पर वू की मां का शव भी मिला। हादसे के बाद राहत और बचाव की तस्वीरों में दिख रहा है कि किस तरह राहतकर्मी बच्ची को सीमेंट और ईंट के मलबे के बीच से निकाल रहे हैं। बच्ची के बाल और शरीर पूरी तरह से धूल से सना हुआ है।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वेंझू के लुचेंग औद्योगिक जिले में हुए इस हादसे में मलबे से 28 लोगों को निकाला गया। हादसे में मरने वालों की संख्या 22 तक पहुंच गई है जबकि जीवित मिले लोगों में से 6 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राहत कार्य में करीब 800 कर्मियों को लगाया गया था।
हादसे के कारणों की जांच जारी है। राहतकर्मियों ने बताया कि जो मकान ढहे हैं, उनका निर्माण ग्रामीणों ने किया था। ध्वस्त मकानों के पास 5 और मकान हैं जो 1970 के दशक में बनाए गए थे। ये मकान क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं, लेकिन किसी अन्य हादसे से बचने के लिए राहमकर्मी इन मकानों को भी गिराने में लगे हैं। चीन में हाल के वर्षों में निर्माण की खराब गुणवत्ता के कारण कई मकानों के गिरने की खबरें आई हैं जिनमें कई लोगों की जान गई है।
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