आज हम बात कर रहे है गोवर्धन पर्वत की. यह पहाड़ उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के राधाकुण्ड से तीन मील की दुरी पर है. इसके आसपास के इलाके को ब्रज भूमि के नाम से जाना जाता है. भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थली है मथुरा.इस पर्वत को लेकर मान्यता है कि इस पर्वत पर जो भी मनुष्य पैर रखता है उसकी हर इच्छा पूरी हो जाती है. इसके पीछें एक रहस्य छुपा है. दरअसल हनुमानजी ने इस पहाड़ को वरदान दिया हुआ है. जब त्रेता युग में श्रीराम ने वानरों को सेतु बनाने का आदेश दिया था तब सेतु बनाते समय पत्थर कम पड़ गये थे.
उस समय हनुमानजी इस पर्वत को सेतु बनाने के लिए ला रहे थे लेकिन तभी श्रीराम का आदेश आया कि सेतु पूरा हो गया है. तब हनुमानजी ने उस पर्वत को वापिस वही रख दिया. इससे गोवर्धन पर्वत दुखी हुए और उन्होंने हनुमानजी से कहा मैं श्रीराम के कुछ काम न आ सका. जब हनुमानजी ने वापिस लौट कर श्रीराम को सब बताया तो श्रीराम ने कहा कि द्वापर युग में मैं इस पर्वत को धारण कर लूँगा और इसे अपना स्वरुप प्रदान करूँगा.
बस तभी से यह पहाड़ पूजनीय व पवित्र हो गया. और इसको लेकर ये मान्यता भी चली आ रही है. इस पर्वत को छुने मात्र से मानव की सभी मनोकामना पूरी होती है. आपको बता दे कि गोवर्धन पर्वत के चारों और दर्जनों हनुमान मंदिर स्थापित है. ये मंदिर इस बात का गवाह है कि हनुमानजी द्वापर युग में गोवर्धन धाम आये थे.