क्या ब्रह्मांड में धरती के अलावा किसी और ग्रह पर जीवन है? सालों से वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें अभी तक इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है। अब दो वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है, जिससे एलियंस को खोजने का रोचक सिद्धांत मिल गया है। इससे जानकारी सामने आई है कि दूसरे ग्रहों पर बसने वाले एलियंस उल्कापिंडों की सवारी कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि एलियंस की पहचान कैसे की जा सकती है।
शोधकर्ताओं ने इसको लेकर एक रोडमैप तैयार किया है, जिसका नाम पैंस्पर्मिया है। फ्रिंज सिद्धांत के मुताबिक, उल्कापिंडों पर सवार होकर बाहरी जीवन एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक पहुंच सकता है। अमेरिकी अतंरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, हमारे सौर मंडल के बाहर करीब 5000 ग्रह है। यहां पर जीवन के अस्तित्व की सबसे ज्यादा संभावना है और वह दूसरे ग्रहों की यात्रा कर, वहां कब्जा करने की कोशिश कर सकते हैं।
लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि ऐसे जीवन के प्रारूपों की पहचान कैसे की जाए? इसके लिए हमें यह जानना पड़ेगा कि वह क्या खोज रहे हैं? एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने कहा कि नए शोध से एलियन जीवन की खोज करने में मदद मिल सकती है। भले ही हमें नहीं पता कि वह क्या खोज रहे हैं।
ऐसे जीवन से बदल सकती है पृथ्वी
यह देखकर लगता है कि अन्य ग्रहों पर जीवन पृथ्वी पर कार्बन आधारित जीवन से बिल्कुल अलग हो सकता है। इन दो शोधकर्ताओं का रोड मैप यह नहीं देखता है कि एलियन जीवन कैसा दिखता है, लेकिन यह धरती पर चीजों को किस तरह बदल देगा। शायद सबसे महत्वपूर्ण यह है कि बाहरी जीवन में यह क्षमता हो सकती है कि वह पृथ्वी के प्राकृतिक संतुलन को बदल सकता है, क्योंकि अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर पाई जाने वाली वायुमंडलीय स्थितियों को फिर से बनाने की कोशिश करते हैं।
कैसे हो सकती है पहचान
शोधकर्ता इसे सांख्यिकीय परीक्षण से माप सकते हैं, जिससे एक ग्रह का अवलोकन किया जाता है, जो समान विशेषताओं वाले ग्रहों के समूह से अलग है। अगर यह इंसानों वाले ग्रह के गुण क्लस्टर के समान विशेषताओं की तरह हैं, तो इसका मतलब यह है कि एलियन ने इसकी यात्रा की है और उपनिवेश बनाने की शुरुआत कर दी है या कम से कम अंतरिक्ष में कुछ अजीबोगरीब हो रहा है।
इससे संभावित नए जीवन रूपों की भी पहचान होगी।
अभी इस शोध का पियर रीव्यू नहीं किया गया है। शोध की अपनी सीमाएं हैं, क्योंकि इसके अनुसंधान के लिए बाह्यग्रहों पर बड़ी मात्रा में जानकारी की जरूरत होती है। नासा ने कहा है कि कम से कम 5,000 बाह्यग्रह हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।