चंदपा की बिटिया के पिता को आरोपी पक्ष द्वारा लगातार हो रही पंचायतों से डर लग रहा है। यदि यही माहौल रहा तो उनके पूरे परिवार को गांव से पलायन करना पड़ेगा। बिटिया के पिता का कहना है कि अभी तो हमारी सुरक्षा पुलिस कर रही है, लेकिन इलाके के दबंग लोग लगातार पंचायतें कर रहे हैं। आखिर कब तक हमारी सुरक्षा होगी।
हमने इसी वजह से शहर में निवास की मांग की थी, लेकिन यह मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। यदि यही स्थिति रही तो हमें गांव छोड़ना पड़ेगा। हमारे साथ आगे भी कोई अनहोनी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि गांव में अनुसूचित जाति के चार परिवार ही हैं जबकि आरोपी पक्ष की जाति के काफी परिवार हैं।
बिटिया के भाई और आरोपी पक्ष के फोन कॉल की सीडीआर वायरल हो रही है। सूत्रों की मानें तो पुलिस भी इसे खंगालने में जुटी है और इससे यह केस दूसरा रूप भी ले सकता है, हालांकि इस पर पुलिस अधिकारी कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं। वहीं बिटिया के परिजन स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि आरोपी पक्ष के लोग उन्हें फंसाने की साजिश कर रहे हैं।
बिटिया के भाई का कहना है कि आरोपी पक्ष से मेरी आमने सामने भी बात नहीं होती तो हम फोन पर क्यों बात करेंगे। घर में एक ही नंबर है, वह भी हमारे पिता के पास रहता है। हमारी बहन हमारी निगरानी में रहती थी।
बिटिया के पक्ष और आरोपी पक्ष की कॉल डिटेल भी पुलिस खंगाल रही है। सूत्रों की मानें तो यह बात भी सामने आई कि इस केस में पहले आरोपी संदीप के मोबाइल नंबर और मृतका के भाई के नाम के मोबाइल नंबर पर पांच माह की सीडीआर में 104 बार बातचीत की बात सामने आ रही है। इस बातचीत का कुल समय 5 घंटे से भी ज्यादा का रहा है।
पांच माह की यह सीडीआर अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक की है। फरवरी माह में तो दोनों नंबरों पर चालीस बार बातचीत हुई। मार्च में भी बातचीत हुई। यह पूरा मामला खासा वायरल हो रहा है।
उसका कहना है कि आरोपी पक्ष से मेरी कभी आमने सामने भी बात नहीं हुई है, तो फोन पर हम क्यों बात करेंगे। पता नहीं किस तरीके से हमारे नंबरों को मिला कर दिखाया जा रहा है। यह बात समझ से बाहर है। उसका कहना है कि हालांकि यह नंबर तो हमारा ही है, लेकिन दूसरा नंबर किसका है, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है। यह पूरा मामला घुमाया जा रहा है।