इन शुभ योग में करें सरस्वती पूजा, ज्ञान, यश और धन की होगी प्राप्ति

सरस्वती पूजा सबसे प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। यह दिन ज्ञान, ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। यह तिथि वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते हैं, उन्हें सभी कार्यों में सफलता मिलती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।

इस पर्व को वसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में अगर आप इस पावन दिन पर मां की विशेष पूजा करना चाहते हैं, तो चलिए यहां पर उनकी सही पूजा विधि जान लेते हैं।

इन शुभ योग में करें पूजा
हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 09 मिनट से अगले दिन मध्य रात्रि 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। अमृत काल रात 08 बजकर 24 मिनट से 09 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।
फिर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 55 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

सुबह जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें। पीले वस्त्र धारण करें। एक वेदी पर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें। देसी घी का दीपक जलाएं। रोली,कुमकुम का तिलक लगाएं। पीले फूलों की माला, कच्ची हल्दी, केसर, शहद और बूंदी के लड्डू, बेसन की बर्फी, मूंग दाल की बर्फी आदि चीजें अर्पित करें। सफलता, ज्ञान की प्राप्ति के लिए देवी का आशीर्वाद लें। देवी सरस्वती के मंत्रों का जाप करें।
मां की विधिवत वंदना करें। आरती से पूजा को पूर्ण करें। पूजा के दौरान तामसिक चीजों से दूर रहें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा-याचना करें।

मां सरस्वती पूजा मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः।।
ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।।
ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम् कारी वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा।।

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