कहते हैं हर सफल इंसान के पीछे कई लोगों का हाथ होता है। कुछ लोग अपने परिवार और अपने सच्चे दोस्तों के खातिर आगे बढ़ते हैं तो कुछ को वो लोग भीड़ से अलग पाते हैं जो उनके गुरू होते हैं। एक सच्चे हीरे की पहचना असली जौहरी ही कर सकता है और ये बात बिल्कुल सच बैठता है भारतीय टीम के पूर्व कप्तान धौनी पर जिनकी असली पहचान की इन लोगों ने और उन्हें बना दिया भारत का सफल सफल और काबिल कप्तान।
केशव राजन बनर्जी (धौनी के कोच)
जवाहर विद्या मंदिर स्कूल में केशव राजन बनर्जी बच्चों को खेल में शिक्षा देते थे उसी वक्त उनकी नजर धौनी पर पड़ी जो अपनी फुटबॉल टीम के गोलकीपर थे। केशव के अनुसार, धौनी की पहली पसंद क्रिकेट नहीं, बल्कि फुटबॉल और बैडमिंटन है। लेकिन केशव की मेहनत ने उन्हें दुनिया का सबसे बेहतर खिलाड़ी और विकेटकीपर बना दिया। अगर ये ना होते तो शायद आज धौनी फुटबॉल और बैडमिंटन खेल रहे होते।
परमजीत सिंह (धौनी के करीबी दोस्त)
2001 में धौनी को एक बड़े क्रिकेट प्रतियोगिता में चुना गया, लेकिन बिहार क्रिकेट बोर्ड की लापरवाही के कारण यह जानकारी धौनी को 18 घंटे देर से पता चली। देरी से जानकारी मिलने के कारण धौनी को तय समय में कोलकता पहुँचना बेहद मुश्किल था, ऐसे समय में धौनी के दोस्त परमजीत सिंह ने खुद गाड़ी का इंतजाम किया और गाड़ी चलाकर उन्हें समय से कोलकता पहुंचाया। दोस्त की मदद से धौनी टीम का हिस्सा बने और इसी मैच में उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का दरवाजा भी खुल गया।
अनिमेष कुमार गांगुली (पश्चिमी रेलवे के मैनेजर)
साल 2001 में दक्षिण- पश्चिमी रेलवे के मैनेजर अनिमेष कुमार गांगुली एक विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश में थे। अनिमेष की नजर धौनी पर पड़ी और उन्होंने तुरंत धौनी को खड़कपुर रेलवे स्टेशन में कोटे से टिकट इक्जामिनर की नौकरी दिलवा दी, साथ ही उन्हें घरेलू क्रिकेट में भी जगह दिलवाई थी।
सौरव गांगुली
भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का नाम भी उन लोगों में शामिल है जिन्होंने धौनी की प्रतिभा को पहचाना। 2004 में धौनी टीम इंडिया ए की ओर से खेल रहे थे। इसी दौरान सौरव गांगुली को धौनी के बारे में जानकारी मिली। गांगुली ने फौरन धौनी को टीम इंडिया में शामिल करने के लिए सिफारिश की। कुछ दिनों बाद धौनी टीम इंडिया की ओर से खेलते नजर आए।
प्रकाश पोद्दार
प्रकाश पोद्दार ने एमएस धौनी को सबसे पहले झारखंड में आयोजित किए गए एक बीसीसीआई के कार्यक्रम में देखा था। उसके बाद उन्होंने धौनी को रणजी ट्रॉफी में बल्लेबाजी करते देखा। उनकी बल्लेबाजी से प्रकाश बेहद प्रभावित हुए और धौनी की प्रतिभा का जिक्र करते हुए उन्होंने नेशनल क्रिकेट एकेडमी को एक रिपोर्ट जमा की। इसके बाद ही एमएस पहली बार सिलेक्टरों की आंखो में आए और टीम की ओर से चुने गए।
रवि शास्त्री
भारतीय टीम के पूर्व निदेशक और बल्लेबाज रवि शास्त्री ने धौनी में उभारता हुआ सितारा देखा था। उन्होंने कई इंटरव्यू में धोनी की तारीफ भी की थी। रवि शास्त्री ने उन्हें भारत के सफल विकेटकीपर और बल्लेबाज के तौर पर बहुत पहले ही देख लिया था।
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