बैठकर पेशाब करने के कारण – हम सभी का वैसे तो पेशाब करने का अलग तरीका होता है कोई बैठ कर करता है तो कोई खड़े हो कर तो कई लोग इसके लिए टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करते हैं.
लेकिन आपने अकसर ये देखा होगा की हम लोग पेशाब भले ही बैठ कर करें या खड़े होकर मुस्लिम लोग हमेशा बैठकर ही पेशाब करते हैं.
आपके मन में कई बार सवाल भी आया होगा की ऐसा क्यों है और वह खड़े होकर पेशाब क्यों नहीं करते हैं. बैठकर पेशाब करने के कारण क्या हो सकते है ?
वैसे तो कई लोग इस बात तक से वाकिफ नहीं हैं की मुस्लिम लोग केवल बैठ कर ही पेशाब करते हैं. आपको बता दे की ये बात बिल्कुल सच हैं लेकिन इसके पीछे की वजह अगर आपने कई बार सुनी है तो वह शायद गलत हो सकती हैं लेकिन आज हम आपको इसके का असली कारण बताने जाएंगे क्योँकि ज्यादातर सुनी सुनाई बाते अकसर गलत ही साबित होती हैं.
तो आइए जानते हैं बैठकर पेशाब करने के कारण – इसके पीछे की असली वजह –
प्रथम कारण
पेशाब को इस्लाम में अशुद्ध माना गया है जिस कारण सभी मुसलमानों को इसे अपने शरीर या कपड़ों पर लगने से बचना होता है और ये बात तो हम सभी जनाते हैं कि खड़े होकर पेशाब करने से कपड़ों पर उसकी बूँदें पढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में मुस्लिम भाई नमाज और अपनी धार्मिक किताब कुरान तक नहीं पढ़ सकते. वैसे तो पानी से साफ करने पर कपड़ा शुद्ध हो जाता है लेकिन फिर भी सावधानी बरतने में क्या बुराई है, तो इसी कारण सभी मुस्लिम बैठ कर पेशाब करना ज्यादा बेहतर समझते हैं.
दूसरा कारण
इस्लाम धर्म में सभी के लिए अपने प्राइवेट पार्ट को छिपाना बेहद जरूरी है. क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस्लाम में अपने प्राइवेट पार्ट का एक्सपोज करना पाप है. इसलिए इसे छिपाना और इसका पर्दा करना बेहद जरूरी है. आपने देखा होगा की खड़े होकर पेशाब करने से ज्यादा बैठकर पेशाब करने पर आपका प्राइवेट पार्ट छिपा रहता है.
बस इसी कारण मुस्लिम लोग बैठकर पेशाब करते हैं.
आपको जानकर शायद हैरानी हो लेकिन एक लेख कि माने तो उसमें बताया गया है कि पेशाब अगर बैठ कर ही किया जाए तो बेहतर है क्योंकि खड़े होकर पेशाब करने से रज-तम तरंगे इकट्ठा होकर नीचे पैर की तरफ बढ़ने लगती हैं. पैरों में नकारात्मक ऊर्जा इकट्ठा होने के कारण पाताल से निकलने वाली कष्टदायक तरंगेपैरों के रास्ते शरीर में तेजी से आ सकती हैं.