इथोपियन एयरलाइंस विमान हादसे में 149 यात्रियों के साथ हादसे का शिकार हुईं पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की सलाहकार शिखा गर्ग मूलरूप से रबूपुरा कस्बे की निवासी थीं। वह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की बैठक में शामिल होने नैरोबी जा रही थी। जानिए उन्होंने अपने आखिरी कॉल में क्या कहा और परिवार का क्या है हाल…
शिखा ने अदीस अबाबा पहुंचते ही अपने छोटे भाई से फोन पर बात की थी। विमान में उनके मौजूद रहने और हादसे की खबर के बाद कस्बे व क्षेत्र में शोक छा गया। पिता सतीश गर्ग ने बताया कि शिखा रविवार रात दो बजकर 40 मिनट की फ्लाइट से अदीस अबाबा के लिए रवाना हुईं।
वहां पहुंचकर नैरोबी के लिए विमान में सवार होने से पहले अपने छोटे भाई गुनीत गर्ग से फोन पर बात की थी। उसने बताया था कि वह ठीक-ठाक पहुंच गई हैं और मीटिंग खत्म करने के बाद फिर से बात करेंगी, लेकिन नैरोबी पहुंचने से पहले ही उनका विमान हादसे का शिकार हो गया। हादसे की खबर मिलने के बाद पूरे क्षेत्र में मातम छा गया। शिखा गर्ग की दो बहन और एक भाई गुनीत गर्ग है।
परिवार समेत आ गईं थीं दिल्ली
व्यापारी सतीश गर्ग की बेटी शिखा बचपन से ही मेधावी थीं। उनकी प्राथमिक शिक्षा व भरण पोषण रबूपुरा कस्बे में ही हुआ था। उस दौरान सतीश गर्ग कस्बे में ही कपड़े की दुकान चलाते थे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-3 में ज्वैलरी शॉप खोल ली। बाद में उनका परिवार दिल्ली चला गया और शिखा गर्ग ने आगे पढ़ाई वहीं की। 14 दिसंबर 2018 को शिखा का विवाह दिल्ली के पश्चिम विहार में पश्चिम कोलकाता निवासी सौम्य से हुआ था। सौम्य भी उनके विभाग में ही काम करते हैं।
पिता से की है बात, कल घर जाऊंगा
रबूपुरा निवासी जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि यह दुखद घटना है। शिखा रबूपुरा की बेटी है और उनके परिवार हमारे काफी नजदीक रहा है। उनके पिता से मैंने आज फोन पर बात की है और कल उनके घर जाऊंगा।