भोपाल: उतरप्रदेश के इटावा में यादव कथावाचकों से बदसलूकी का मामला तूल पकड़ चुका है। मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से अपील की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक दिन का समय निकालकर दोनों परिवारों से मिलने के लिए अपील की है।
अखिलेष यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने आप को यादव कहते हैं। वो मध्य प्रदेश से वो दिन का समय निकाले और जिनका सर घुटाया है, जिन पर पेशाब डाली गई है,जिनकी चुटिया काटी गई है, उस परिवार से ज़रूर मिलें और जिन्होंने ऐसा किया है। उस परिवार से भी मिलें। दोनों परिवारों से मिलें। मैं यह नहीं कहता हूं कि एक ही परिवार से मिलें। जहां पर कथा हो रही थी उस परिवार से भी मिलें और जो कथा कहने गए थे उनसे भी मिलें।
ये है पूरा मामला
इटावा में एक कथावाचक के साथ मारपीट की गई है। कथावाचक का आरोप है कि वह भागवत कथा कहने आए थे, लेकिन कुछ लोगों ने इसका विरोध किया, जाति पूछी और यादव होने पर मारपीट की। घटना का एक वीडियो भी वायरल है, जिसमें कथावाचक का सिर मुड़वाकर महिला का पैर छूकर नाक रगड़वाया जा रहा है। हालांकि इस घटना में अब नया मोड़ आया है। दरअसल, जिस भागवत कथा में यादव कथावाचकों के साथ बदसलूकी हुई थी, उस भागवत कथा में शामिल हुई महिला रेनू तिवारी ने कथावाचकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रेनू वहीं महिला है, वायरल वीडियो में जिनके पैर कथावाचक छूते हुए और माफी मांगते भी नजर आ रहे हैं।
मामले में रेनू के पति जयप्रकाश तिवारी ने बताया कि हम दोनों हरिद्वार में रहते हैं और प्राइवेट नौकरी करते हैं। हम दांदरपुर गांव में कथा सुनने आए थे। घटना के दिन कथावाचकों ने मेरी पत्नी के साथ बदतमीजी की, तो हम सब लोगों ने उनका विरोध किया। इस दौरान कथावाचकों ने हमें धमकाया और धमकी दी कि उनका संबंध एक राजनीतिक पार्टी और उसके नेता से है। तुम्हें घर से उठवा लेंगे। बाद में पता चला कि ये लोग यादव बिरादरी से हैं।
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