इंदौर की सड़कों पर हो रहे गड्ढों को लेकर बड़ी चर्चा है। इंदौर के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों में भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है। इसे लेकर भोपाल में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश के नगरीय निकाय मेयरों के साथ बैठक की। तय हुआ कि बारिश के बाद जो पेंचवर्क सड़कों पर किए जाते हैै। उनकी गुणवत्ता की भी जांच की जाना चाहिए। इसकी जांच एक राज्य स्तरीय दल करेगा। जिसका गठन भी हो चुका है।
इस बैठक में इंदौर के मेयर पुष्य मित्र भार्गव भी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि चुंगी का पैसा समय पर और पूरा मिले। इससे नगर निगम के संचालन में मदद मिलेगी और विकास कार्य तेजी से होंगे। बैठक में मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली को और पारदर्शी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। नगरीय निकायों को आधुनिक तकनीकों और पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम से जनता को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करानी होंगी।
बैठक में तय हुआ कि प्रदेश के सभी नगर निगमों द्वारा एनर्जी ऑडिट कराया जाएगा।प्रत्येक सप्ताह महापौर-परिषद (एमआईसी) की बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित होगी। शहर की सड़कों की रिस्टोरेशन की गुणवत्ता की सघन जांच होगी, जिसके लिए राज्यस्तरीय दल निरीक्षण करेगा।बिल्डिंग परमिशन से संबंधित डेटा फॉर्मेट को सरल बनाकर सीधे निर्देश जारी होंगे।
इसके अलावा प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नवीन तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।डीजल बचत के लिए डिजिटलाइजेशन और कर्मचारियों के लिए फेस अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जाएगा।नगरीय निकायों का खर्च कम करने और आकलन की नई व्यवस्था तकनीक के माध्यम से विकसित की जाएगी। निकाय स्तर पर रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएगी। बैठक में राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी एसीएस संजय दुबे और विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।