यात्रियों को मसाज सेवाएं प्रदान करने की रेलवे की योजना आलोचना के घेरे में आ गई है। इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि ट्रेन में महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति में ऐसी सेवाओं की पेशकश करना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। इसके बजाय यात्रियों को डॉक्टर व चिकित्सा सहायता प्रदान की जानी चाहिए।

रतलाम मंडल के डीआरएम ने बताया था कि रेलवे अगले कुछ दिनों में इंदौर से प्रस्थान करने वाली 39 ट्रेनों में मसाज की सुविधा शुरू करने जा रहा है। इस योजना के माध्यम से 20 हजार यात्रियों के टिकटों की अतिरिक्त बिक्री बढ़ेगी। इससे प्रतिवर्ष 20 लाख रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। सांसद लालवानी ने 10 जून को रेलमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि भारतीय संस्कृति के सिद्घांतों के अनुसार महिलाओं के सामने इस तरह की सेवाएं प्रदान करना उचित नहीं है।
माह के अंत में शुरू होगी सुविधा- सफर के दौरान थकान होने पर यात्रियों के लिए रतलाम रेल मंडल मसाज की सुविधा उपलब्ध करवाने जा रहा है। भारतीय रेलवे में इस तरह की यह पहली सुविधा होगी। योजना के तहत इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों में मसाज प्रोवाइडर उपलब्ध रहेंगे। इसमें देहरादून-इंदौर एक्सप्रेस 14317, नई दिल्ली-इंदौर इंटरसिटी एक्सप्रेस 12416 और इंदौर-अमृतसर एक्सप्रेस 19325 सहित प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं। यात्री सिर या पैर की मसाज करवा सकेंगे। रेलवे ने इसके लिए एक फर्म को 20 लाख रुपये का ठेका भी दे दिया है। जून माह के अंत में इसकी शुरुआत होनी है।
तीन श्रेणियां हैं सेवाओं की- मसाज सुविधा की तीन श्रेणियां, गोल्डन, डायमंड और प्लेटेनियम हैं। गोल्डन पैकेज 100 रुपये, डायमंड पैकेज 200 रुपये का और प्लेटेनियम पैकेज 300 रुपये का होगा।
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