इंदौर के दो कांग्रेस नेताओं के निलंबन पर गरमाई राजनीति

मामला गरमाने के बाद यूथ कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी शेष नारायण ओझा ने निलंबन पर रोक लगाते हुए मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है। अब जांच की रिपोर्ट आने के बाद वरिष्ठ नेता फैसला लेंगे।

इंदौर में यूथ कांग्रेस के दो पदाधिकारी पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमित पटेल और महू विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष गजेंद्र सिंह को प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा निलंबित किए जाने पर राजनीति गरमा गई है। निलंबित हुए नेता ने बड़े नेताओं के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई तो यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने निलंबन आदेश पलटते हुए मामले की जांच के आदेश दिए है। इसके बाद प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष यादव जांच के घेरे में आ गए है।

गत दिनों यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु चिब के स्वागत के दौरान पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े और प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र यादव के बीच विवाद हो गया था। इसके बाद यादव ने वानखेड़े समर्थक पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमित पटेल और महू विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष गजेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया था। पटेल ने कहा था कि वे विवाद में शामिल ही नहीं थे, इसके बावजूद उन्हें निलंबित कर दिया।

अमित की पत्नी दो नंबर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की पार्षद है। पटेल खाती समाज से आते है। उनके निलंबन से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी सहमत नहीं थे। मामला गरमाने के बाद यूथ कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी शेष नारायण ओझा ने निलंबन पर रोक लगाते हुए मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है। अब जांच की रिपोर्ट आने के बाद वरिष्ठ नेता फैसला लेंगे।

वानखेड़े अपनी कार में ले जाना चाहते थे भानु को

29 नवंबर को भानू चिब इंदौर आए थे। पूर्व विधायक वानखेेेेड़े उनके साथ दिल्ली से आए थे। भानू को शाजापुर में एक मशाल रैली में शामिल होने जाना था। वानखेड़े उन्हें अपनी कार में ले जाना चाहते थे, लेकिन यादव समर्थकों का कहना था कि प्रोटोकाल के तहत भानू को प्रदेश अध्यक्ष की कार में बैठना था। इस बात पर वानखेड़े और यादव गुट के समर्थक आपस में लड़ने लगे थे।

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