दुश्मनों के दिलों में छह दशक दहशत का पर्याय रहा भारतीय वायुसेना का मिग-21 बाइसन अब रिटायर होने जा रहा है। चंडीगढ़ में 26 सितंबर को अपनी आखिरी उड़ान के बाद यह विमान आसमां को अलविदा कह देगा। रिटायर होने के बाद मिग-21 जमीं पर जलवा बिखेरेगा। देश की हजारों निजी एवं सरकारी संस्थानों ने वायुसेना को विमान का डिस्प्ले लगाने के लिए आवेदन किए हैं। वायुसेना के पास मिग-21 की दो स्क्वॉड्रन यानी 32 एयरक्राफ्ट हैं।
सूत्रों के मुताबिक, वायुसेना मुख्यालय में आवेदनों की जांच होने के बाद वायुसेना देखेगी कि आवेदकों के पास रखने का पर्याप्त स्थान और रखरखाव की सुविधा हो। साथ ही आवेदकों के लिए अपने नगर निगम का अनुमति पत्र देना जरूरी होगा। इसके बाद चयनित निजी संस्थानों को एक एयरफ्रेम लगाने के लिए 30 से 40 लाख रुपए खर्च करने होंगे। जबकि सरकारी संस्थानों को यह मुफ्त में दिए जाएंगे। कुछ मिग 21 विमान वायुसेना संग्रहालय के लिए भी सुरक्षित रखे जाएंगे। संस्थानों को सौंपने से पहले विमानों के इंजन, वायरिंग, फ्यूल टैंक समेत तमाम उपकरण निकाल लिए जाएंगे। विमान के परिवहन, इन्स्टॉलेशन (स्थापना) और रखरखाव का खर्च आवेदक को उठाना होगा।
26 को रिटायरमेंट
वायुसेना के चंडीगढ़ बेस पर 26 सितंबर को एक समारोह के तहत मिग-21 विमानों को 62 साल की सेवा के बाद रिटायर कर दिया जाएगा। समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह समेत तमाम अधिकारी मौजूद होंगे। अपनी आखिरी उड़ान में मिग 21 पुराने अंदाज में कॉम्बैट ड्रिल्स करता दिखाई देगा। इस दौरान इस विमान के सम्मान में स्वदेशी तेजस भी साथ में कदमताल करेगा। इसके बाद मिग 21 आसमान में ओझल हो जाएगा और हमेशा के लिए इसका नाम इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
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