मालवा-निमाड़ में फलों की कई प्रजातियां खतरे में आ गई हैं। खासकर आलीराजपुर का नूरजहां आम और बड़वानी का पपीता। बीते दिनों विभाग से जुटाई गई जानकारी में कुछ रोचक तथ्य सामने आए हैं। नूरजहां आम के क्षेत्र में महज छह पेड़ बचे हैं, जबकि बड़वानी के पपीते में किसान केमिकल का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं। इस कारण उसका आकार छोटा होने लगा है।
यह बात स्टेट जैव विविधता बोर्ड के मेम्बर सेक्रेटरी श्रीनिवास मूर्ति ने कही। सोमवार को जैव विविधता पर आधारित क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन देवी अहिल्या विवि के स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस सभागृह में किया गया। कार्यशाला का विषय ‘जैव विविधता रणनीति और कार्ययोजना’ था। जहां लुप्त हो रही फल, मछली और वन्यप्राणियों की प्रजातियों को बचाने और उनके संरक्षण को लेकर चर्चा हुई।
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