रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को संकेत दिया है कि रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश अब भी बनी हुई है। ‘Unlock BFSI 2.0’ को संबोधित करते हुए गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति से जुड़े सभी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल अभी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति को लेकर रुख उदार बना रहेगा। इससे इस बात को बल मिलता है कि जरूरत पड़ने पर केंद्रीय बैंक रेपो रेट में और कटौती कर सकता है।

वृद्धि से जुड़े अनुमान को लेकर दास ने कहा कि RBI के पास इस बात की सुविधा नहीं है कि वह आज एक अनुमान प्रकट करे और फिर बाद में उसमें संशोधन करे। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 को लेकर जैसे ही कुछ स्पष्टता आएगी, केंद्रीय बैंक निश्चित रूप से आर्थिक वृद्धि को लेकर अपनी ओर से अनुमान जाहिर करना शुरू कर देगा।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कर्ज समाधान फ्रेमवर्क (Debt Resolution Framework) से कोविड-19 की वजह से चुनौतियों का सामना कर रहे लेनदारों को काफी राहत मिलेगी।
हालांकि, दास ने बैंकिंग सेक्टर की स्थिति को लेकर संतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा, ”कुल मिलाकर बैंकिंग सेक्टर की स्थिति बेहतर और स्थिर बनी हुई है।”
हालांकि, आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को सचेत किया कि लोन देने में जरूरत से अधिक सतर्कता बरतने से बैंकों को ही नुकसान होगा और बुनियादी काम नहीं करने से बैंकों की आमदनी प्रभावित होगी। समाचार पत्र बिजनेस स्टैंडर्ड की ओर से आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि जोखिम लेने से बचने की बजाय बैंकों को अपने रिस्क मैनेजमेंट और गवर्नेंस फ्रेमवर्क को बेहतर बनाना चाहिए।
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