आयुष्मान योजना में कार्ड धारकों का इलाज कराने के लिए सूचीबद्ध निजी अस्पतालों से आवेदन शुल्क व बैंक गारंटी लेने की तैयारी है। इसमें 10 हजार रुपये आवेदन शुल्क और दो लाख रुपये की बैंक गारंटी देनी होगी। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। वर्तमान में आयुष्मान योजना में 300 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें कार्ड धारकों को निशुल्क इलाज की सुविधा मिलती है। प्रदेश सरकार अस्पतालों को इलाज पर होने वाले खर्च का भुगतान करती है।
प्रदेश में आयुष्मान योजना 2018-19 में शुरू हुई थी। इसमें केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और राज्य सरकार की अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना संचालित है। इसके अलावा कर्मचारियों को राज्य स्वास्थ्य योजना के तहत गोल्डन कार्ड पर कैशलेस इलाज की सुविधा है।
अभी तक इन योजना में कार्ड धारकों का इलाज करने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों से न तो आवेदन शुल्क लिया जाता था और न ही बैंक गारंटी। जबकि, कई राज्यों में अस्पतालों से आवेदन शुल्क व बैंक गारंटी लेने की व्यवस्था है। इसी तर्ज पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सूचीबद्ध अस्पतालों से 10 हजार आवेदन शुल्क और दो लाख रुपये बैंक गारंटी लेने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।
आयुष्मान में 199 निजी अस्पताल सूचीबद्ध
आयुष्मान योजना के तहत वर्तमान में 300 अस्पताल सूचीबद्ध है। इसमें 101 सरकारी और 199 निजी अस्पताल शामिल हैं। योजना में सूचीबद्ध अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों को निशुल्क इलाज की सुविधा है। प्रदेश सरकार की ओर से इलाज पर होने वाले खर्च का भुगतान अस्पतालों को किया जाता है।
अब तक 180 करोड़ के दावे किए निरस्त
सूचीबद्ध अस्पतालों में क्लेम बिलों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से बिलों की गहन जांच की जाती है। अब तक अस्पतालों के 88,629 दावों को निरस्त किया गयाे जिसकी कुल राशि 180 करोड़ है। इसके अलावा बिलों में गड़बड़ी पाए जाने पर 176 करोड़ की कटौती की गई।
आयुष्मान योजना में वर्तमान में अस्पतालों को सूचीबद्ध करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। योजना में अस्पतालों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए आवेदन व बैंक गारंटी लेने का राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने निर्णय लेकर शासन को प्रस्ताव भेजा है। – आनंद श्रीवास्तव, सीईओ, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण