आयुष दाखिले में फर्जीवाड़े के बाद प्रदेश सरकार ने अहम कदम उठाया है। अब ठेके के बजाए सरकारी सर्वर पर आयुष पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए काउंसलिंग होगी। एमबीबीएस व बीडीएस की भांति आयुष पाठ्यक्रमों की काउंसलिंग भी एनआईसी सर्वर पर होगी। अधिकारियों ने दाखिले में फर्जीवाड़े व सेंधमारी पर अंकुश लगने की उम्मीद जाहिर की है।

ठेके पर होती थी काउंसलिंग
नीट मेरिट के आधार पर एमबीबीएस, बीडीएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस और बीएएमएस पाठ्यक्रमों में दाखिले होते हैं। एबीबीएस व बीडीएस की काउंसलिंग एनआईसी के सर्वर पर हो रही है। जबकित बीयूएमएस, बीएचएमएस और बीएएमएस (आयुष) पाठ्यक्रमों में काउंसलिंग के लिए ठेके पर सर्वर पर साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा था।
पिछले साल हुआ था फर्जीवाड़ा
बीते साल आयुष दाखिले में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ था। अधिकारियों ने एजेंसी से साठगांठ कर प्रदेश के सरकारी व निजी आयुष कॉलेजों में 891 फर्जी अभ्यर्थियों को दाखिला दिलाने में कामयाबी हासिल कर ली थी। इसमें बिना नीट में शामिल हुए अभ्यर्थी भी दाखिला पा गए थे। नीट में कम अंक पाने वालों को दाखिला मिल गया था। खुलासा होने के बाद फर्जी दाखिला पाने वाले छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। आयुर्वेद विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. एसएन सिंह व डॉ. उमाकांत यादव को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच चल रही है।
पूरी सर्तकता बरती जाएगी
फर्जीवाड़े की घटना से सबक लेते हुए अधिकारियों ने आयुष काउंसलिंग एनआईसी सर्वर पर कराने का फैसला किया है। सरकार ने अनुमति मिलने के बाद इस पर अमल शुरू हो गया है। आयुर्वेद विभाग के निदेशक डॉ. पीसी सक्सेना ने बताया कि पहली बार सरकारी संस्था एनआईसी काउंसलिंग प्रक्रिया का हिस्सा बनी है। पूरी सर्तकता बरती जा रही है। सात जनवरी से काउंलसिंग होगी। गोमतीनगर स्थित राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज में काउंलसिंग होगी। सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। गड़बड़ी रोकने के लिए अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है। निजी कॉलेजों के प्रतिनिधियों को काउंसलिंग स्थल से दूर रहने की हिदायत दी गई है।
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