आम बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए प्रावधानों से उत्तराखंड को भी लाभ मिलेगा। इसमें कई ऐसे प्रस्ताव शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना कर रहे उत्तराखंड के लिए प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से लाभकारी साबित होंगे। इस बजट से जहां आयुष्मान भारत के तहत अस्पतालों की संख्या बढ़ने से लोगों को नजदीकी अस्पतालों में चिकित्सा उपलब्ध हो सकेगी, वहीं नए मेडिकल कॉलेज खुलने से डॉक्टरों की कमी पूरी करने में मदद मिलेगी। साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में इलाज का दायरा भी बढ़ेगा।
आम बजट में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में पीपीपी मोड पर अस्पताल खोलने का प्रस्ताव है। यह उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए बड़ी बात है, क्योंकि पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में लोग अब भी स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम हैं। बजट में सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्रों की संख्या भी बढ़ाने की बात कही गई है, लेकिन महत्वपूर्ण इन केंद्रों पर दवा उपलब्ध कराना है। क्योंकि हाल में खुले जन औषधि केंद्रों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
यहां दवाओं की उपलब्धता सीमित है और निजी क्या सरकारी डॉक्टर तक जेनरिक दवा लिखने से परहेज कर रहे हैं। चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार हाल के वषों में अधिक से अधिक मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में काम कर रही है। इस आम बजट में भी यह प्रयास जारी रहा। इसके तहत जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों के रूप में अपग्रेड किया जाएगा।
पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरपी भट्ट का कहना है कि प्रदेश में सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती डॉक्टरों की कमी है। मेडिकल कॉलेज इस ओर फीडर के रूप में काम करेंगे। इसके अलावा पर्वतीय जिलों में चिकित्सालय मेडिकल कॉलेज के रूप में अपग्रेड होंगे तो वहां स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा भी बढ़ेगा। धीरे-धीरे ही सही पर एमसीआइ के मानकों के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएं विकसित होंगी और लोगों को विशेषज्ञ सेवाएं मिल सकेंगी।
मसूरी के लोगों की बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
खून जमा देने वाली सर्दी के बावजूद नगरवासी केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के आम बजट को सुनने-देखने के लिए अपने टीवी सेटों से चिपके रहे। आम बजट के बारे में लोगों ने मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की। वहीं युवाओं ने कहा कि रोजगार के क्षेत्र के लिए बजट में कोई खास प्रावधान नहीं किये गये हैं।
संसद में वित्तमंत्री द्वारा प्रस्तुत आम बजट के लिए लोगों में खासी उत्सुकता बनी रही। अधिकांश लोग एवं लघु व मध्यम दर्जे के व्यापारियों की दिलचस्पी आयकर प्रावधानों को जानने में रही, लेकिन नये प्रावधानों में दोहरी वैकल्पिक व्यवस्था होने पर अधिकांश लोग निराश हुए।
लोगों का कहना है कि आयकर प्रावधानों में कारपोरेट सेक्टर का विशेष ख्याल रखा गया है और इसे कारपोरेट बजट कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। लेकिन इससे अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी। आम करदाता को इसमें कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को प्रोत्साहित किया गया है, जो सराहनीय है। इससे बेटियों को सबल मिलेगा।
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