भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिशों के दौरान भारत में चीनी राजदूत सुन वेदोंग की ओर से बयान आया है। सुन वेईडॉन्ग ने सीमा विवाद के मुद्दे को शांति से सुलझाने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि अतीत से चला आ रहा सीमा विवाद संवेदनशील और जटिल है। हमें समान परामर्श और शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से उचित समाधान खोजने की आवश्यकता है।
उन्होंने अपने जारी बयान में कहा कि भारत और चीन को आपसी सहयोग के ऐसे कदम उठाने चाहिए जिनसे दोनों का फायदा हो, न कि ऐसे काम करें जिनसे दोनों को नुकसान भुगतना पड़े।
सुन वेईडॉन्ग ने अपने बयान के जरिए भारत-चीन के बीच संबंधों को सुधारने के लिए तीन सुझाव दिए। पहला- भारत और चीन प्रतिस्पर्धी नहीं पार्टनर होना चाहिए।
दूसरा- भारत और चीन को शांति की चाह रखनी चाहिए, न कि संघर्ष की और तीसरा- भारत और चीन को पारस्परिक हित के कदम उठाने चाहिए। दोनों देशों को ऐसे कदम उठाने से बचना चाहिए जिससे कि उनका नुकसान हो।
उन्होंने कहा कि कमांडर लेवल की बातचीत में हुए समझौते के आधार पर अब हमारी सेनाएं पीछे हट चुकी हैं। चीन के राजदूत ने कहा कि चीनी सैनिकों द्वारा धोखे से किए गए वार के बाद भारत में चीन के प्रति अविश्वास का माहौल बढ़ा है।
इससे पहले सैन्य तनाव की स्थिति को लेकर वेईडॉन्ग ने उम्मीद जताई थी कि दोनों पक्ष सैन्य तनाव की स्थिति को और जटिल बनाने से बचेंगे। सुन ने कहा था कि आपसी सम्मान और समर्थन निश्चित तौर पर दोनों देशों के हित में है।
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