हनुमान जी आज भी इस धरती पर सशरीर मौजूद हैं। जहां भी राम कथा अथवा श्रीराम के नाम का गुणगान होता है, वह वहां अवश्य आते हैं। हनुमान जी की शरण में जाने से संसार की कोई भी ऐसी सुख-सुविधा नहीं है, जो प्राप्त नहीं की जा सकती। किसी भी तरह के जादू टोने और तंत्र मंत्र की शक्ति को हनुमान जी की आराधना से प्रभावहीन किया जा सकता है। जब केसरी नंदन रक्षक हैं तो किसी भी बाबा, साधु, ज्योतिष आदि के पास भटकने की जरूरत नहीं। आप घर पर ही हर बुरी शक्ति के प्रहार का दे सकते हैं मुंह तोड़ जवाब आईए जानें कैसे-
सबसे पहले आप हनुमान चालीसा नियम से पढऩा शुरू कर दें। प्रतिदिन संध्यावंदन के साथ हनुमान चालीसा पढऩा चाहिए। संध्यावंदन घर में या मंदिर में सुबह-शाम की जाती है। पवित्र भावना और शांतिपूर्वक हनुमान चालीसा पढऩे से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, जो हमें हर तरह की जानी-अनजानी होनी-अनहोनी से बचाती है। हनुमान चालीसा पढऩे के बाद हनुमान जी की कपूर से आरती करें।
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अनजानी पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जम कारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमान जी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
रात को सोने से पहले अपने तकिए के नीचे हनुमान चालीसा रखें और एक तांबे के लोटे में जल लें और उसमें थोड़ा-सा लाल चंदन मिला दें। उस पात्र को अपने सिरहाने रखकर रात को सो जाएं। प्रात: उठकर सबसे पहले उस जल को तुलसी के पौधे में चढ़ा दें। ऐसा कुछ दिनों तक करें। धीरे-धीरे आपकी परेशानी दूर होती जाएगी।
जो व्यक्ति नजर लगने से पीड़ित है, उसे हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी को सिंदूर लगाना चाहिए। यह सिंदूर उसे अपने माथे पर भी लगाना चाहिए। हनुमान जी का सिंदूर माथे पर लगाने से व्यक्ति की नजर उतर जाती है। नजर उतारने के लिए लहसुन, नमक, प्याज, सूखी मिर्च, इन सब चीजों को नजर लगे व्यक्ति पर से सात बार उतार लेना चाहिए। यह सब अगर आप सात बार उतार लेते हैं, तो नजर आसानी से उतर जाती है।