आज के समय में रिश्तों का सभी के जीवन में महत्व होता है और सभी अपने रिश्तों को महत्व देते हैं. ऐसे में शास्त्रों में भी इसके बारे में कई बातों के बारे में बताया गया है और शास्त्रों में मित्र, पत्नी और सेवक तीनों के बारे में कई सारी बातों के बारे में बताया है, इसके साथ ही ये लोग कुछ परिस्थितियों में परेशानी का कारण भी बन सकते हैं. जी हाँ, आज हम आपको गरुड़ पुराण की कुछ बातों को बताने जा रहे हैं जिसमे तीन लोगों के बारे में बताया गया है, उसे जानना प्रत्येक के लिए आवश्यक हैं. जी हाँ, कहते हैं इन तीनों का स्वभाव और व्यवहार गलत होने पर वे जीवन से सुख-शांति छीन जाती है तो इनका स्वभाव व व्यवहार अच्छा होने पर जीवन आबाद भी हो जाता है.
इस श्लोक से जानिए ये तीन किस तरह बन सकते हैं ये आपके लिए परेशानी का कारण-
दुष्टा भार्या शठं मित्रं भृत्यश्र्चोत्तरदायकः।
ससर्पे च गृहे वासो मृत्युरेव न संशयः।।
इसका अर्थ हैं- दुष्ट स्वभाव की पत्नी, मूर्ख मित्र, जवाब देने वाला नौकर और जहां सर्पों का वास हो, ऐसे घर में रहने वाले की मृत्यु निश्चित ही है, इसके कोई शंका नहीं है. इस कारण से कई बार जीवन को बर्बाद करने में इन तीनों का अहम हिस्सा होता है, एक दुष्ट स्वभाव की पत्नी पति को हमेशा मानसिक तनाव देती है. वहीं अगर किसी मूर्ख से दोस्ती करते हैं तो वह अपने ज्ञान से आपको भ्रम में डाल सकता है और व्यक्ति का नौकर अगर आपको जवाब देता है तो समझें वह आपके भेद किसी को भी बता सकता है.