इस साल की शुरुआत में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण ने वर्ष 2015-16 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश की। इसके मुताबिक देश की कुल आबादी में से आधे से अधिक लोग असंतुलित आहार लेते हैं। उनके भोजन में ताजे फल, सब्जियां, दालें, दुग्ध व अन्य पोषक खाद्य पदार्थ शामिल नहीं होते हैं। इसमें भी महिलाओं की संख्या अत्यधिक है। लोगों को पोषक आहार लेने के प्रति जागरूक करने के लिए लिए सरकार हर साल सितंबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय सुपोषण सप्ताह मनाती है।
नींद की कमी बड़ी वजह
मार्च, 2017 में आई एक रिपोर्ट में यह साफ हुआ कि जिन लोगों की दिनचर्या ठीक नहीं है या जिनकी नींद पूरी नहीं होती है, वे खाने की सुगंध के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। ऐसे लोग पिज्जा, बर्गर, चॉकलेट, पॉपकॉर्न जैसे फास्ट फूड की तरफ आकर्षित होते हैं। यही वजह है कि आज की युवा पीढ़ी के सोने जागने का पैटर्न खराब होने के चलते वह पोषक आहार से दूर हो रही है और गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रही है।
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