शिवसेना के विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि सोशल मीडिया ट्रोल्स को नजरअंदाज करने की जरूरत है, वहीं उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा जिन्होंने वादे पूरे नहीं किए वो अभी सत्ता में नहीं हैं।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 15 दिसंबर को जामिया में पुलिस कार्रवाई को 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड की याद दिलाने वाली कार्रवाई करार दिया था। जिसके बाद विरोधी दलों ने उनकी जमकर आलोचना की। शिवसेना ने खुले तौर पर केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध किया था।
उल्लेखनीय है कि बीते रविवार को अमृता ने ट्विटर पर लिखा था कि कोई सिर्फ ठाकरे सरनेम के कारण ठाकरे नहीं हो जाता। उनका इशारा मुख्यमंत्री उद्धव पर था। इस पर शिवसैनिक भड़क गए। पिम्परी में शिवसेना की महिला कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाल कर अमृता के फोटो पर चप्पलें बरसाईं।
इसके जवाब में अमृता ने फिर उद्धव पर निशाना साधा कि लोगों पर वार करके आप नेतृत्व नहीं कर सकते। विवाद तब शुरू हुआ था जब राहुल गांधी ने कहा था कि मैं सावरकर नहीं हूं। इस पर देवेंद्र फडणवीस ने ट्विटर पर लिखा था कि राहुल को खुद को गांधी भी नहीं मानना चाहिए क्योंकि वो अपने सरनेम के कारण गांधी नहीं हो जाते। तब इस ट्वीट को आगे बढ़ाते हुए अमृता ने ठाकरे वाली टिप्पणी की थी।
विरोधियों के इसी हमले पर शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए, आदित्य ठाकरे ने कहा, “सोशल मीडिया ट्रोल को नजरअंदाज करने की जरूरत है और विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। जो लोग वादे नहीं निभाते थे, वे अब सत्ता में नहीं हैं। हमें उनकी दुर्दशा को समझना चाहिए।”