राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) गुरुवार को आदर्श चुनाव आचार संहिता के मामले में हाजीपुर कोर्ट में पेश हुए। पेशी के दौरान लालू प्रसाद यादव ने अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि वे निर्दोष हैं। लालू प्रसाद के कोर्ट में पेशी के दौरान भारी संख्या में राजद के नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे। लालू प्रसाद कोर्ट से निकलने के बाद सीधे पटना के लिए रवाना हो गए। मीडिया द्वारा सवाल पूछने पर उन्होंने कुछ बोलने से परहेज किया। इस दौरान कोर्ट परिसर में ही उनके समर्थकों ने लालू राबड़ी जिंदाबाद के नारे लगाए। कोर्ट परिसर में सैकड़ों की संख्या में लालू समर्थक जुटे थे।
27 अप्रैल को हुआ था आरोप पत्र का गठन
गौरतलब है कि अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम स्मिता राज ने राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को गंगाब्रिज थाना में दर्ज एक आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में बुधवार 27 अप्रैल को आरोप गठित किया था। इस मामले में जिला व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता श्याम बाबू राय ने उनका बंध पत्र भी उसी दिन कोर्ट में जमा किया था। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम स्मिता राज ने लालू के वकील की ओर से दायर बंध पत्र को स्वीकार कर लिया था।
जातीय शब्दों के इस्तेमाल का आरोप
बताते चलें कि विधानसभा चुनाव 2015 (Bihar Assembly Elections 2015) में लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध चुनावी सभा में जातीय शब्द का प्रयोग किए जाने को लेकर गंगाब्रिज थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी राघोपुर के सीओ निरंजन कुमार ने दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी में 27 सितंबर 2015 को गंगाब्रिज थाना क्षेत्र के तेरसिया गांव में विधानसभा चुनाव को लेकर आयोजित चुनावी सभा में जातीय शब्द का प्रयोग कर जातीय उन्माद फैलाने का आरोप लगाया गया था। मामले में 29 सितंबर 2015 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में उनके विरुद्ध पुलिस ने 04 अक्टूबर 2015 को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया था।
11 फरवरी 2019 को कोर्ट ने लिया था संज्ञान
जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध दर्ज मामले में त्वरित विचारण के लिए गठित न्यायालय में 11 फरवरी 2019 को उनके विरुद्ध संज्ञान लिया गया। इस मामले में पुलिस ने 18 अप्रैल 2022 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराई थी। वहीं 23 अप्रैल को जमानत अर्जी दाखिल किए जाने के बाद 10 हजार रुपये के मुचकले पर उनकी जमानत अर्जी स्वीकृत की गई थी पर उनकी ओर से बंध पत्र दाखिल नहीं किया गया था। बुधवार 27 अप्रैल को उनके विरुद्ध आरोप गठन करने के बाद उनका बंध पत्र भी स्वीकार कर लिया गया था।