समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव का उनके ही संसदीय क्षेत्र में अब जोरदार विरोध होने लगा है। यहां बीते तीन दिन से कई जगह पर उनके लापता होने के पोस्टर के लग रहे थे तो अब उलेमा कौंसिल ने ही उनका विरोध कर दिया है। उलेमा कौंसिल ने अखिलेश यादव को ट्विटर वाला नेता बताया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का उनके संसदीय क्षेत्र, आजमगढ़ में जगह-जगह लापता का पोस्टर लगाया गया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी, अल्पसंख्यक विभाग की ओर से चस्पा किए गए पोस्टर में सीएए व एनआरसी विरोधी प्रदर्शन में मुस्लिम महिलाओं के साथ पुलिस बर्बरता को लेकर अखिलेश की चुप्पी पर सवाल उठाया गया है।
बिलरियागंज के मौलाना जौहर अली पार्क में पिछले दिनों सीएए के विरोध में धरना प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन के दौरान लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े थे और डंडा पटककर प्रदर्शन करने वालों को खदेडऩा पड़ा था। प्रदर्शन करने वालों ने पुलिस पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। पार्क में प्रशासन ने पानी भर प्रदर्शन पर विराम लगा दिया किंतु अब इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ पोस्टर वार शुरू कर दिया है। कहा गया है कि अखिलेश यादव 2019 के चुनाव के बाद से आजमगढ़ से लापता हैं। पोस्टर पर अखिलेश यादव के मुंह पर पट्टी लगी फोटो दिखाया गया है। पोस्टर को सियासी नजरिए से देखा जा रहा है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग की ओर से पोस्टर को लेकर प्रतिक्रिया नहीं आई है पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रवीन सिंह ने कहा कि इसमें गलत कुछ भी नहीं है। सांसद को बोलना चाहिए। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर बिलरियागंज का दौरा करने आए पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा ने पहले तो कांग्रेस के पोस्टर वार के सवाल पर कहा कि अराजकतत्व का यह काम हो सकता है। उन्होंने साथ में यह भी जोड़ा कि अगर कांग्रेस ने ऐसा किया है तो केवल चर्चा में आने के लिए है। हमारे मुखिया को आजमगढ़ से गहरा लगाव है। यही कारण है कि उन्होंने पूरे मामले की जानकारी के लिए मुझे यहां भेजा है।
अखिलेश यादव 2019 के चुनाव के बाद से लापता हैं। पोस्टर में दर्शाया गया है कि इसे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विभाग की ओर से जारी किया गया है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रवीण सिंह की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई है। उन्होंने पोस्टर चिपकाना स्वीकार किया है। पोस्टर पर अखिलेश यादव के मुंह पर पट्टी लगी फोटो दिखाया गया है। पोस्टर को सियासी नजरिए से देखा जा रहा है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग की ओर से पोस्टर को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
एक तरफ जहां कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने सांसद को लापता बनाकर पोस्टर वार शुरू कर दिया है वहीं उलेमा कौंसिल ने अखिलेश को विरासत वाला नेता बताया है और दावा किया कि अगर अखिलेश यादव जमीन पर काम कर सांसद अथवा सीएम बने होते तो आज ट्वीट की राजनीति के बजाय अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के साथ खड़े होते। यहां पर उनकी चुप्पी और आजमगढ़ से दूरी को लेकर पोस्टर वार शुरू कर दिया गया है।
अब उलेमा कौंसिल ने किया अखिलेश यादव का विरोध
उलेमा कौंसिंल के राष्ट्रीय प्रवक्ता तलहा आमिर ने कहा कि अखिलेश यादव आसमान में उडऩे वाले नेता हैं, जो चुनाव में हेलीकाप्टर से आते हैं और चले जाते हैं। यहां पर जब हमारी बहन-बेटियों का उत्पीडऩ हुआ। उन पर लाठी चार्ज किया गया उस समय यहां के सांसद अखिलेश जी सिर्फ ट्वीट कर रहे हैं।
उन्होंने सपा अध्यक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश अगर जमीन पर काम करते तो उन्हें जनता का दुख-दर्द पता होता और उनके दुख को समझते हुए आज उनके साथ खड़े होते। अखिलेश पर हमलावर तलहा आमिर ने कहा वो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सपा अध्यक्ष के नाते मैं उन पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। यह उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है वो किसे अध्यक्ष चुनते हैं। वह आजमगढ़ के सांसद भी हैं और मैं उनके संसदीय क्षेत्र का मतदाता हूं। मतदाता होने के कारण मुझे उनसे शिकायत है कि आज हमारी बहन-बेटियों का उत्पीडऩ हुआ। उनपर लाठी चार्ज किया गया, एक महिला जो अस्पताल में जिंदगी-मौत से जूझ रही है लेकिन यहां के सांसद अखिलेश जी सिर्फ ट्वीट कर रहे हैं। आज उन्हें उत्पीडऩ के शिकार लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए था।
पूर्व सीएम मुलायम का भी पूर्व में लगा था पोस्टर
आजमगढ़ से वर्ष 2014 के चुनाव जीतने के बाद मुलायम ङ्क्षसह यादव जब आजमगढ़ नहीं आए तो उस समय भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता सुफियान खान ने सगड़ी क्षेत्र में पोस्टरबाजी की थी।