महाराष्ट्र की राजनीति में दबदबा रखने वाले शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की आज जयंती है। बालासाहेब का श्रद्धांजलि देने के लिए शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शिवाजी पार्क में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बाला साहेब ठाकरे को नमन करते हुए कहा कि वह एक ऐसा नेता थे जो अपने पद से नहीं अपने कद से जाने जाते थे।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा महान बालासाहेब ठाकरे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। साहसी और अदम्य वह लोक कल्याण के मुद्दों को उठाने से कभी नहीं हिचकिचाते थे। उन्हें हमेशा भारतीय लोकाचार और मूल्यों पर गर्व रहा। वह लाखों लोगों को लिये प्रेरणा हैं।
कार्टूनिस्ट थे बाल ठाकरे
बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को पुणे में हुआ था। उनके पिता केशव ठाकरे एक पत्रकार थे। बाला साहेब ठाकरे ने भी अपने करियर की शुरुआत बतौर कार्टूनिस्ट की थी। उन्होंने अपने करियर के दौरान कई नेताओं के कार्टून बनाये और धीरे-धीरे खुद ही राजनीति में आ गये।
अंक 13 से था ठाकरे का खास नाता
ऐसे तो 13 अंक को अशुभ माना जाता है लेकिन इसके विपरीत बाल ठाकरे के लिए अंक 13 बहुत खास था। उन्हें ऐसे ही अंक पसंद थे जिन्हें जोडऩे पर 9 आता हो। ये इत्तेफाक ही था कि उन्होंने 3 बजकर 33 मिनट पर ही अंतिम सांस ली थी जिसका जोड़ 9 आता है। बाल ठाकरे ने अपना साप्ताहिक कार्टून ‘मार्मिक’ 13 अगस्त 1960 को प्रकाशित हुआ था।
राष्ट्रीय मुद्दों से रहा जुड़ाव
बाला साहेब ठाकरे ने क्षेत्रीय राजनीति के बावजूद खुद को कभी भी राष्ट्रीय मुद्दों से अलग नहीं किया। बांग्लादेशी घुसपैठियों सहित देश की सुरक्षा को लेकर उनकी स्पष्ट बयानी ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलवायी। जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराया गया तब भी बाल ठाकरे ने सीना ठोंक कर कहा था कि हां ये ढांचा हमारे शिवसैनिकों ने गिराया है।