हिंदी पट्टी के तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में अपनी जीत से उत्साहित भाजपा सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष को घेरने की कोशिश करेगी, जबकि विपक्षी दल मणिपुर व जांच एजेंसियों की छापेमारी जैसे कुछ विषय उठाने का प्रयास कर सकते हैं। इस सत्र के दौरान लोकसभा में उस वक्त हंगामा हो सकता है, जब सदन की आचार समिति की रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के आरोप में निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।
नए सिरे से होगा बैठक का आयोजन
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेता संसद के अंदर और चुनावी मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा से मुकाबला करने के लिए अपनी रणनीतियों को नए सिरे से तैयार करने के लिए सोमवार सुबह बैठक करेंगे। शीतकालीन सत्र के बारे में पूछे जाने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘अगर विपक्ष संसद को बाधित करता है तो उसे रविवार से भी बुरे नतीजों का सामना करना पड़ेगा।’
15 बैठकें होंगी आयोजित
सरकार ने शीतकालीन सत्र की 15 बैठकों के लिए एक भारी विधायी एजेंडा पेश किया है, जिसमें औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों के स्थान पर लाए गए प्रमुख विधेयक, निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने से संबंधित विधेयक शामिल है। संसद में ‘सवाल पूछने के लिए पैसे लेने’ से संबंधित शिकायत पर मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश करने वाली लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट भी सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है।
मणिपुर पर चर्चा की मांग
रक्षा मंत्री और लोकसभा में उप नेता राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने का कोई भी निर्णय लेने से पहले आचार समिति की रिपोर्ट पर लोकसभा में चर्चा कराने की मांग की थी। विपक्षी नेताओं ने पुराने आपराधिक कानूनों के स्थान पर लाए जा रहे तीन विधेयकों के अंग्रेजी में नाम, मंहगाई, जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग और मणिपुर पर चर्चा की मांग की थी।