PM मोदी पढ़ाई के साथ साथ कमाई की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। वन उपजों की ज्यादा कीमत आदिवासी साथियों को मिले इसके लिए 1,250 वन धन केंद्र पूरे देश में खोले जा चुके हैं। इनके माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये का कारोबार भी किया जा चुका है।
आदिवासी अंचलों में मूल सुविधाएं तो आज पहुंच ही रही हैं, बल्कि इन क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाओं के तहत भी कार्य किया जा रहा है। जनजातीय युवाओं की शिक्षा के लिए देश मे सैकड़ों नए एकलव्य मॉडल स्कूल स्वीकृत किये गए हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वन उपज आधारित उद्योग आदिवासी क्षेत्रों में लगें, उसके लिए भी जरूरी सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए पैसों की कमी न हो, इसके लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाया गया है।
वहीं दूसरी तरफ बंजर जमीन पर किसान सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करके अतिरिक्त कमाई कर सके, इसके लिए भी मदद की जा रही है। हमारा अन्नदाता ऊर्जादाता बने, हमारा यही प्रयास है।
सिंचाई से जुड़ी सुविधाओं के अभाव में विंध्याचल जैसे देश के अनेक क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे रह गए। लेकिन इस क्षेत्र में बरसों से लटकी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है।
आज सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ये मंत्र देश के हर हिस्से में देश के हर नागरिक के विश्वास का मंत्र बन गया है। आज देश के हर जन, हर क्षेत्र को लग रहा है कि उस तक सरकार पहुंच रही है और वो भी देश के विकास में भागीदार है।
सिंचाई से जुड़ी सुविधाओं के अभाव में विंध्याचल जैसे देश के अनेक क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे रह गए। लेकिन इस क्षेत्र में बरसों से लटकी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है।
हम विंध्य क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना हो, या सड़कों का निर्माण, सभी पर तेजी से काम चल रहा है।
यूपी में तो योगी जी की सरकार के प्रयासों से जिस प्रकार इंसेफेलाइटिस के मामलों में कमी आई है। उसकी चर्चा तो दूर दूर तक विशेषज्ञ कर रहे हैं।
देश के बाकी गांवों की तरह इस क्षेत्र में भी बिजली की बहुत बड़ी समस्या थी। आज ये क्षेत्र सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी बनता जा रहा है। भारत का अहम केंद्र है। मिर्जापुर का सौर ऊर्जा प्लांट यहां विकास का नया अध्याय लिख रहा है।
जब अपने गांव के विकास के लिए, खुद फैसले लेने की स्वतंत्रता मिलती है, उन फैसलों पर काम होता है, तो उससे गांव के हर व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। आत्मनिर्भर गांव, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को बल मिलता है।
सरकार एक साथी की तरह, एक सहायक की तरह आपके साथ है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के जो पक्के बन रहे हैं, उसमें भी ये ही सोच प्रदर्शित हो रही है। किस क्षेत्र में कैसा घर होगा, पहले की तरह अब ये दिल्ली में तय नहीं होती।
यूपी में जिस प्रकार कोरोना का सामना किया जा रहा। बाहर से लौटे लोगों का खयाल रखा रहा है, ये कोई छोटी बात नहीं है।
इस योजना का लाभ इंसानो के साथ साथ पशुधन को भी हो रहा है। पशुओं को साफ पानी मिलता है, तो वो भी स्वस्थ रहते हैं। पशु स्वस्थ रहें और किसान को, पशुपालक को परेशानी न हो, इस उद्देश्य को लेकर भी हम आगे बढ़ रहे हैं।
आज जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक योजनाएं लागू हो रही हैं, उससे उत्तर प्रदेश की, यहां की सरकार की और यहां के सरकारी कर्मचारियों की छवि पूरी तरह बदल रही है।
जब विंध्यांचल के हजारों गांवों में पाइप से पानी पहुंचेगा, तो इससे भी इस क्षेत्र के मासूम बच्चों का स्वास्थ्य सुधरेगा, उनका शारीरिक और मानसिक विकास और बेहतर होगा।
जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पाइप से पानी पहुंचने की वजह से हमारी माताओं-बहनों का जीवन आसान हो रहा है। इसका एक बड़ा लाभ गरीब परिवारों के स्वास्थ्य को भी हुआ है। इससे गंदे पानी से होने वाली हैजा, टायफायड, इंसेफलाइटिस जैसी अनेक बीमारियों में भी कमी आ रही है।
आने वाले समय में जब यहां के 3 हजार गांवों तक पाइप से पानी पहुंचेगा तो 40 लाख से भी ज्यादा साथियों का जीवन बदल जाएगा। इससे यूपी के, देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को भी ताकत मिलेगी।
आजादी के दशकों बाद तक ये क्षेत्र उपेक्षा का शिकार रहा है। ये पूरा क्षेत्र संसाधनों के बाद भी अभाव का क्षेत्र बन गया। इतनी अधिक नदियां होने के बाद भी इस क्षेत्र की पहचान सबसे ज्यादा प्यासे, सूखा प्रभावित क्षेत्र की रही।