किसानों का आंदोलन जारी है और अब किसान संगठनों ने दो टूक कह दिया कि सरकार को ये कानून वापस लेने ही होंगे. दूसरी ओर सरकार भी किसानों की शिकायतें दूर करने के लिए तैयार है, लेकिन कानून पर टस से मस नहीं होना चाहती है. ऐसे में स्थिति गंभीर होती जा रही है, क्योंकि किसानों का कहना है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो फिर आंदोलन आक्रामक हो जाएगा.

इस बीच अब से कुछ देर में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात होनी है. इस बैठक में किसान आंदोलन पर विस्तार से चर्चा हो सकती है.
किसान संगठनों की ओर से केंद्र सरकार को आपत्तियों की लिस्ट सौंप दी गई है. किसानों ने कृषि कानून के साथ-साथ वायु गुणवत्ता अध्यादेश और प्रस्तावित बिजली (संशोधन) बिल को लेकर भी आपत्तियां बताई जताई हैं.
भारतीय किसान यूनियन के किसान राकेश टिकैत का कहना है कि अगर आज सरकार मांगें नहीं मानती है, तो आंदोलन हाथ से बाहर निकल जाएगा. गाजीपुर सीमा पर 12 बजे रणनीति बनाने के लिए पंचायत होगी. सरकार को तुरंत ये कानून वापस लेने होंगे.
किसानों के प्रदर्शन के कारण सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर समेत कई बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है. इसके मुताबिक, गुरुवार को भी नोएडा लिंक रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर को बंद रखा गया है. यहां पर गौतम बुद्ध द्वार पर सैकड़ों किसान सड़क जाम करके बैठे हैं.
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