आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका मंजूर कर ली और उन्हें जमानत दे दी. जस्टिस एस.पी. गर्ग की बेंच ने 16 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था.
कोर्ट में कार्ति के वकीलों की दलील थी कि अब सीबीआई कर्ति से पूछताछ कर चुकी है. लिहाज़ा अब उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने का कोई कारण नहीं है. एजेंसी अब उनकी हिरासत भी नहीं चाहती.
मगर दिल्ली हाईकोर्ट में ज़मानत पर बहस के दौरान सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध किया. सीबीआई का कहना है कि अगर कार्ति को जमानत दी गई तो वो केस के साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं. कार्ति पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे हैं और प्रभावशाली व्यक्ति हैं. बेंच ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
कार्ति पर आरोप है कि 2007 में उनके पिता पी. चिदंबरम के केंद्रीय वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया को करीब 305 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड यानी एफआईपीबी से मंजूरी लेने में गड़बड़ी की गई.
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