आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस की जगनमोहन रेड्डी सरकार को हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. राज्य निर्वाचन आयुक्त एन रमेश कुमार जिन्हे एक अध्यादेश जारी कर पद से हटा दिया गया था, कोर्ट ने उसे फिर से बहाल कर दिया है.
इससे पहले आंध्र की जगनमोहन रेड्डी सरकार ने ‘आंध्र प्रदेश पंचायत राज अधिनियम’ में संशोधन करते हुए एसईसी यानी राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यकाल को पांच साल से घटाकर तीन साल कर दिया था.
नए संशोधन के तहत एन रमेश कुमार का कार्यकाल 10 अप्रैल 2020 को खत्म हो गया था. उनकी जगह रिटायर्ड जस्टिस वी कनगराज को राज्य का नया चुनाव आयुक्त (एसईसी) नियुक्त किया था.
दरअसल वाईएसआर कांग्रेस की सरकार और रमेश कुमार के बीच महीनों से एक विवाद चल रहा था. राज्य निर्वाचन आयुक्त रमेश कुमार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने का हवाला देकर एहतियातन स्थानीय निकाय चुनाव को स्थगित करने को कहा था, जिसके बाद से ही विवाद बढ़ गया.
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने रमेश कुमार के फैसले पर नाराजगी जताई और उन पर विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद एक अध्यादेश जारी कर आंध्र प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1994 में संशोधन कर दिया.
बता दें. राज्य की पिछली टीडीपी सरकार ने रमेश कुमार को 30 जनवरी 2016 को पांच साल के लिए एसईसी नियुक्त किया था. रमेश कुमार 1983 बैच के आईएस अधिकारी हैं और वह राज्पाल के विशेष मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए थे.
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