दिल्ली में हिंसा को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. ओवैसी ने कहा कि दिल्ली चुनाव में अनुराग ठाकुर का बयान हो या अभी कपिल मिश्रा का बयान हो यह उनके अपने बयान नहीं है, यह सब पार्टी ने उनको कहने के लिए कहा.

अब इसके एक दो दिन बाद मोदी जी आएंगे और मन की बात करेंगे. मोदी जी कहेंगे कि क्या हो रहा है, लेकिन अभी तक चुप्पी क्यों है इस पर कोई सवाल नहीं उठा रहा.
अभी तक सरकार ने इसकी निंदा क्यों नहीं की. बैठक के लिए इतनी देर क्यों की गई, पुलिस को अब तक क्यों नहीं उतारा गया. यह कोई गांव नहीं है देश की राजधानी है.
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी पर हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा, ”उनकी नाक के नीचे हिंसा हो रही है. हैदराबाद में पड़े हुए हैं, उनसे कहिए कि दिल्ली जाकर अपना काम करें.
यहां बैठकर कब तक मेरे नाम की मिठाई खाते रहेंगे. अभी तक सात लोग मर चुके हैं. अभी खबर आ रही है कि एक की और मौत हुई है. गृह राज्य मंत्री यहां बैठकर मिठाई खाने के बजाए दिल्ली जाकर आग बुझाएं.”
बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने हैदराबाद में कहा था कि हम दिल्ली में हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. 2 महीने से धरना था लेकिन केंद्र ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन और विरोध प्रदर्शन का मौका दिया. लेकिन कल की गई हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सीएए समर्थकों और सीएए विरोधियों के बीच हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है. इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शहीद हो गए हैं.
हिंसा में लगभग 70 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में आज सुबह भी हिंसा व पत्थरबाजी की कई छिटपुट वारदातें होती रही. मौजपुर, बाबरपुर, जाफराबाद, गोकुलपुरी, बृजपुरी समेत कई इलाकों में पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती की गई है.
इसके बाद भी कई इलाकों में आपसी भिड़ंत व एक दूसरे पर पत्थरबाजी की घटनाएं अभी भी हो रही हैं. दिल्ली में इतनी बड़ी हिंसा लगभग तीस साल बाद हुई है.
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