ऐशो-आराम में बढ़ोतरी के बावजूद हर कोई नाखुश है और आंदोलन कर रहा है’ संघ प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान पर ओवैसी ने निशाना साधा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल पूछते हुए कहा है कि भागवत बताएं कि लोग आंदोलन क्यों कर रहे हैं? निश्चित तौर पर यह विरोध 5 ट्रिलियन इकॉनोमी वाला देश हो जाने की वजह से तो नहीं हैं.
ओवैसी ने अपने ट्विटर अकाउंट से आरएसएस प्रमुख भागवत पर निशाना साधते हुए कहा, ‘2020 के नए भारत में स्वागत है. यह बहुत बुरा है कि अब बीजेपी के वैचारिक माता-पिता भी आंदोलन को अनदेखी नहीं कर पा रहे हैं. भागवत को यहीं नहीं रुकना चाहिए. उन्हें यह भी बताना चाहिए कि लोग आंदोलन क्यों कर रहे हैं. निश्चित तौर पर यह विरोध 5 ट्रिलियन इकॉनोमी वाला देश हो जाने की वजह से तो नहीं हैं. क्यों सही कहा न?’
क्यों सही कहा न? के बाद ओवैसी ने गृह मंत्री अमित शाह को भी टैग किया है. यानी उनपर एक तंजनुमा सवाल छोड़ा है.
दरअसल आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा था कि भौतिक सुख में कई गुणा वृद्धि के बावजूद समाज में हर कोई नाखुश है और लगातार आंदोलन कर रहा है.
गुजरात के अहमदाबाद में व्याख्यान देते हुए भागवत ने कहा कि जो राजनीतिक दल सत्ता में नहीं हैं, वे भी आंदोलन कर रहे हैं.
भागवत ने कहा, ‘ऐशो-आराम में बढ़ोतरी के बावजूद हर कोई नाखुश है और आंदोलन कर रहा है. चाहे वह मालिक हो या नौकर, विपक्षी दल हो या आम आदमी, छात्र हो या शिक्षक, हर कोई नाखुश और असंतुष्ट है.’
संघ प्रमुख ने कहा, ‘यह सोचना कि हम बेहतर दुनिया में जी रहे हैं, अर्द्धसत्य है. सुविधाएं समान रूप से सबको हासिल नहीं हो रही हैं. जंगल का नियम चल रहा है. आगे बढ़ने के लिए सक्षम व्यक्ति कमजोर को दबा रहा है. दुनिया में तबाही के लिए ज्ञान का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है.’
भागवत ने कहा कि लोग ‘गलत सूचना’ प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का दुरूपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘हर किसी को एक रूप से देखने’ का प्रयास करना भी कट्टरता है’.
उन्होंने लोगों से अपील की कि भारत को ज्यादा ताकतवर बनाएं ‘क्योंकि दुनिया ताकतवर की ही सुनती है.’