ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्र संघ की अध्यक्ष चुनी गई रश्मि सामंत ने चंद दिन बाद ही अपना पद त्यागने की घोषणा की है। वे इस पद पर पहुंची पहली भारतीय छात्रा थीं, लेकिन पूर्व में की गई कुछ नस्लवादी और असंवेदनशील टिप्पणियों की वजह से उनकी कड़ी आलोचना हो रही थी।
22 साल की रश्मि द्वारा 2017 में बर्लिन में नरसंहार स्मृतिका और मलयेशिया की यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर की गई पुरानी टिप्पणियों से चीनी मूल के छात्र खफा थे। वहीं ऑक्सफोर्ड में एलजीबीटीक्यू-प्लस अभियान के दौरान भी उन्होंने महिलाओं और समलैंगिक महिलाओं के बीच विभेद की जरूरत बताई थी।
इसका अतिसंवेदनशील कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। एक खुले पत्र में रश्मि ने लिखा कि वे छात्र समुदाय का विश्वास गंवा चुकी हैं व अपनी गलतियों के लिए माफी मांगती हैं। छात्र समुदाय उन्हें पद के लिए अनुपयुक्त मानता है। उन्होंने पद छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि इस पद पर चुनाव जाना उनके लिए गर्व की बात थी।
साल 2020-21 के सत्र के लिए छात्रसंघ अध्यक्ष के लिए अब फिर से चुनावा होगा। इसके लिए फिर से नामांकन होंगे, जिसमें पुराने उम्मीदवार व नए छात्र भी आवेदन कर सकेंगे।
कर्नाटक के उडुपी की रहने वाली रश्मि ने इस प्रकरण के बाद घर लौटने का निर्णय किया है जहां अपने परिवार के साथ रहते हुए पश्चाताप करने की बात कही है। उन्होंने अपने अधिकतर सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद कर दिए हैं।
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