केंद्र सरकार इस कोरोना काल में कर्जदारों को बड़ी राहत देने जा रही है। सरकार दो करोड़ तक के लोन्स पर छह महीने के लिए ब्याज पर ब्याज से छूट प्रदान करेगी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए एक ऐफिडेविट में यह बात कही है। सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की अभूतपूर्व परिस्थिति के कारण सरकार के पास एक मात्र समाधान यह है कि वह ब्याज पर ब्याज माफी के भार को वहन करे व कर्जदारों को राहत प्रदान करे। सरकार ने कहा कि वह यह निर्णय लेने के लिए संसद की अनुमति लेगी।

इस कदम से हजारों छोटे कर्जदारों को फायदा होगा और इसमें वे लोग शामिल होंगे, जिन्होंने अपना बकाया चुकाया है। वित्त मंत्रालय ने हलफनामे में कहा कि शिक्षा, आवास, क्रेडिट-कार्ड बकाया राशि सहित कई अन्य कार्यों पर लिए गए लोन के लिए चक्रवृद्धि ब्याज को समाप्त कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कोविड-19 महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बीच 22 मई को टर्म लोन पर मोरेटोरियम को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया था। मार्च में आरबीआई ने 1 मार्च से 31 मई के बीच ईएमआई का भुगतान करने से लेकर सभी टर्म लोन के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत दी थी।
सरकार ने बताया कि अगर सभी श्रेणियों के लोन्स के लिए शुल्क माफ कर दिए जाते हैं, तो इससे बैंकों पर 6 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ जाएगा। सरकार ने कहा, ‘अगर बैंकों को यह बोझ उठाना पड़ता, तो अवश्य ही वे अपनी नेट वर्थ का एक बड़ा हिस्सा खो देते और उनके अस्तित्व पर बहुत गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा हो जाता।’
गौरतलब है कि बीती 28 सितंबर को, शीर्ष अदालत ने केंद्र, आरबीआई और बैंकों को मोरेटोरियम अवधि के दौरान लगाए गए ब्याज पर ब्याज को माफ करने पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए समय प्रदान करते हुए लोन मोरेटोरियम मामले को 5 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया था।
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