पौधारोपण अभियान का शुभारंभ करने के लिए प्रयागराज पहुंचे डिप्टी सीएम और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक अल्लापुर में डॉक्टर दीपेंद्र सिंह के घर भी शोक संवेदना जताने पहुंचे। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने उनकी पत्नी डा. आभा से मिलकर शोक जाहिर किया। परिवार के लोगों को सांत्वना दी। कहा कि तबादले में जिसने लेटलतीफी या गड़बड़ी की उसे कतई बख्शा नहीं जाएगा। सरकार इसकी जांच कराएगी। उल्लेखनीय है कि डा. दीपेंद्र की बीमारी से मौत के बाद उनके तबादले का आदेश आया था जबकि वह लंबे समय से स्थानांतरण के लिए गुहार लगा रहे थे। यह मामला तूल पकड़ गया तो डिप्टी सीएम को पता चला।
जताया दुख और प्रयागराज में समायोजन का दिया भरोसा
डिप्टी सीएम ने डा. दीपेंद्र की पत्नी डा. आभा सिंह को नियमित समायोजन औऱ प्रयागराज में नियुक्त करने का आश्वासन दिया। कहा कि मेरे संज्ञान में यह मामला पहले होता तो यह दुखद घटना नहीं होने पाती। डिप्टी सीएम ने डा. दीपेंद्र के बड़े बेटे दिव्यांश को गले लगाकर स्नेह जताया। दिव्यांश से कहा कि आप पर अब बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने साथ मौजूद सीएमओ डा. नानक सरन से कहा कि वह गम में डूबे परिवार का ख्याल रखें।
भाजपा विधायक हर्षवर्धन ने भी दिया सिफारिशी पत्र
इस दौरान इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. सुजीत कुमार सिंह सहित सभी पदाधिकारी मौजूद रहे। एएमए ने डा. आभा को प्रयागराज में ही समायोजित करने सिफारिश की। भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने भी डिप्टी सीएम को इस बाबत सिफारिशी पत्र दिया। वहां जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री भी मौजूद रहे।
मौत के बाद आय़ा था तबादले का आदेश
जिंदगी का अधिकांश समय सरकारी सेवा में देने वाले एक चिकित्सक के साथ नियति का कुछ ऐसा बर्ताव हुआ जिसे जानकर दुख होना लाजिमी है। चित्रकूट के जिला अस्पताल में 11 वर्ष से कार्यरत सर्जन डा. दीपेंद्र सिंह शासन से पत्राचार कर अपना तबादला प्रयागराज के लिए मांगते रहे। उनकी यह इच्छा तब पूरी हुई जब लीवर की बीमारी से लड़ते-लड़ते दम निकल गया। डाक्टर दीपेंद्र का तबादला सरकार ने कर तो दिया लेकिन आदेश उनकी तेरहवीं के बाद आया। पीड़ित परिवार पर इससे मानो दुख और उपेक्षा का पहाड़ आ गिरा। परिवार में अब गम और गुस्सा है।