पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती फायर ब्रांड नेत्री ने कहा है कि अयोध्या अब विवाद का विषय नहीं रहा. वहां आस्था का टकराव नहीं था. मुसलमानों की आस्था खुदा पर है, मक्का मदीना पर है, इस्लाम पर है, लेकिन बाबर या बाबर की बनवाई हुई किसी यादगार पर नहीं.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उमा भारती ने कहा कि अयोध्या मुद्दे को नेहरू ने राजनीतिक मंशा से साल 1949 में विवादित बना दिया.
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी धर्म के लोगों ने स्वीकार किया. ऐसा नेहरू के समय भी हो सकता था, लेकिन कांग्रेस की वोट बैंक की भूख ने तब ऐसा नहीं होने दिया और देश को 71 साल तक तनाव में रखा.
अब देशवासियों ने ही एकजुटता से इस तनाव का वजूद मिटा दिया. उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी और वामपंथी विचारधारा के लोगों पर आरोप लगाया कि वे मंदिर निर्माण कार्य को शांति से शुरू नहीं होने देने की बेचैनी से घिरे हुए हैं. देश के लोग एकजुट होकर उनके मंसूबों पर पानी फेर देंगे.
उमा भारती ने कहा है कि पांच शताब्दियों तक चले मंदिर निर्माण के इस अभियान के अंतिम चरण में अशोक सिंघल और लाल कृष्ण आडवाणी की अगुवाई में भागीदारी करके मेरे जैसे लोग धन्य हो गए. उन्होंने सरकारें आने-जाने को माया बताया और कहा कि इस अभियान में भागीदारी का कभी अफसोस नहीं रहा.
सीबीआई अदालत को मंदिर, कानून को वेद और जज को भगवान बताते हुए उमा भारती ने कहा कि उनके मुंह से जो वाणी निकलेगी, शिरोधार्य करूंगी. मुझे तो हर सजा मंजूर थी.
भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मंदिर निर्माण की टाइमिंग को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर भी करारा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मुहूर्त सही है या नहीं? कोरोना के समय ही क्यों हो रहा है? ये सब बातें सिर्फ इसलिए हो रही हैं, क्योंकि अब देश की राजनीति अन्य बिंदुओं पर आ रही है. उमा भारती ने कहा कि अब हम पीएम मोदी के नेतृत्व में राम मंदिर से राम राज्य की ओर बढ़ेंगे.