कार्तिक पूर्णिमा पर रामनगरी की आस्था शिखर को स्पर्श करती नजर आई। लाखों श्रद्धालुओं ने सरयू में डुबकी लगाई। यह सिलसिला भोर से ही शुरू हुआ तो पौ फटने के साथ यह और प्रगाढ़ होता गया। सरयू के स्नान घाट से प्रमुख मंदिरों की ओर जाने वाले मार्ग श्रद्धालुओं से पटे हुए हैं।
30 अक्टूबर को चौदह कोसी परिक्रमा के साथ आरंभ हुए कार्तिक पूर्णिमा मेले के अंतिम पर्व पर स्नान दान व दर्शन-पूजन के लिए पूर्व संध्या से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। पूर्णिमा स्नान को तड़के तीन बजे से ही श्रद्धालुओं का रेला सरयू के घाटों पर जुटने लगा। सरयू के समानांतर ही सरयू के घाटों पर आस्था की धारा भी प्रवाहित होती दिखी। कोहरे में अल सुबह सूर्यदेव भले ही देर से चमके, उनसे पहले आस्था का सूर्य जरूर चमक रहा था। सुबह की ठंडक भी श्रद्धालुओं की आस्था को नहीं डिगा पाई। श्रद्धालुओं ने पावन सलिला में दुबकी लगाई और सरयू पूजन-अर्थन के बाद गो दान की परंपरा का निर्वहन कर पुग्य लाभ अर्जित किया।
पौराणिक पीठ नागेश्वरनाथ में श्रद्धालुओं ने यथा शक्ति और भक्तिभाव से भोले बाबा का अभिषेक किया। यहां लंबी कतार लगी रही। नगरी के आराध्य भगवान राम और उनके प्रिय दूत हनुमंत लला के दरबार बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी, वैष्णव परंपरा की आस्था के केंद्र में रहने वाले कनक भवन, श्रीराम जन्मभूमि आदि मंदिर पर सुबह से दर्शनार्थियों की कतार लगी हुईं है।
12 स्थानों से आवागमन किया प्रतिबंधित, पांच जगहों पर पार्किंग
कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के कारण बुधवार को लता मंगेशकर चौक और सरयू घाट की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए यातायात डायवर्जन लागू हो गया था। यह व्यवस्था मेले की समाप्ति तक जारी रहेगी। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुगमता को देखते हुए कई मार्गों पर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर वैकल्पिक मार्ग तय किए हैं। आवश्यक सेवाएं और एम्बुलेंस वाहनों पर प्रतिबंध लागू नहीं रहेगा।
घाटों पर है 250 बायो टॉयॅलेट व 97 चेंजिंग रूम की व्यवस्था
कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू नदी में स्नान के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को पेयजल, शौचालय, सफाई और स्नान के बाद कपड़े बदलने जैसी सुविधाएं सुलभ कराने की तैयारी नगर निगम ने पूरी कर ली है। घाटों पर नौ स्थायी चेंजिंग रूम, 63 केबिन व 25 टेंट के अस्थायी चेंजिंग रूम तैयार किए गए हैं, ताकि महिला श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर ही 250 बायो टॉयलेट की व्यवस्था की गई है।
महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार के साथ मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को निरंतर नजर बनाए रखने की हिदायत दी। मंगलवार को सुबह सात बजे महापौर व नगर आयुक्त ने कार्तिक पूर्णिमा मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए तैयारियाें का जायजा लिया।
इस दौरान उनके साथ अपर नगर आयुक्त डाॅ. नागेंद्र नाथ, भारत भार्गव, महाप्रबंधक जलकल सौरभ श्रीवास्तव व नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. राममणि शुक्ल भी थे। उन्होंने राम की पैड़ी, सरयू घाट, नागेश्वरनाथ मंदिर, झुनकी घाट, ऋणमोचन घाट, पापमोचन घाट, संत तुलसी दास घाट, चौधरी चरण सिंह घाट व आरती घाट की साफ-सफाई, प्रकाश, शौचालय, कपड़े बदलने के टेंट और अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था निरंतर बनी रहनी चाहिए।
250 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई, 25 स्थानों पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति
नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश पांडेय ने बताया कि घाटों की सफाई के लिए तीन शिफ्ट में 250 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पेयजल सुविधा के लिए 25 स्थानों पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा सभी स्टैंड पोस्ट, वाटर कियाक्स व हैंडपंप क्रियाशील हैं। घाटों पर प्रकाश की व्यवस्था मुकम्मल कर दी गई है। वाहन पार्किंग स्थलों पर भी प्रकाश की व्यवस्था की गई है।
नगर निगम ने मेला क्षेत्र को तीन जोन में बांटा
नगर निगम ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेला क्षेत्र को तीन जोन में विभाजित कर सुपर नोडल अधिकारी व नोडल अधिकारी नामित कर व्यवस्था के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है। नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने सरयू के पक्का घाट, कच्चा घाट, आरती घाट, श्रीरामजन्मभूमि, हनुमानगढ़ी व कनक भवन के सामने और लता चौक से टेढ़ी बाजार तक के क्षेत्र का सुपर नोडल अधिकारी अपर नगर आयुक्त डॉ. नागेंद्र नाथ व नोडल अधिकारी सहायक नगर आयुक्त अशोक गुप्त को बनाया है। संत तुलसी दास घाट व ऋणमोचन घाट के सुपर नोडल अधिकारी अपर नगर आयुक्त भारत भार्गव व नोडल अधिकारी सहायक नगर आयुक्त गुरु प्रसाद पांडेय होंगे। गुप्तार घाट घाट क्षेत्र के सुपर नोडल अधिकारी अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार व नोडल अधिकारी अवधपुरी के जोनल अधिकारी सुभाष चंद्र त्रिपाठी होंगे।
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