अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक अमेरिकी कैपिटल में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। इन घटनाओं में एक महिला की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। साथ ही नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मुहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया बाधित हुई।
बुधवार को कांग्रेस के सदस्य इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए। पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी। इन हालातों में प्रतिनिधि सभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बिगड़ते हालात के बीच राष्ट्रीय राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया। लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए।
सदन में रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा, ‘जो बाइडन और कमला हैरिस कानूनन चुने गए हैं और 20 जनवरी को वे ही अमेरिका के राष्ट्रपति-उप राष्ट्रपति होंगे।’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मंत्रिमंडल के सदस्यों ने बुधवार को ट्रंप को पद से संभावित तौर पर हटाने को लेकर चर्चा की। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उनके समर्थकों की कैपिटल परिसर में पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई। चर्चा अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन पर केंद्रित है, जो उपराष्ट्रपति और कैबिनेट द्वारा एक राष्ट्रपति को हटाने की अनुमति देता है अगर उसे ‘अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ’ माना जाता है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, तीन राजनयिक स्रोतों ने बताया कि विदेशों में अमेरिकी राजनयिकों को वाशिंगटन में कैपिटल हिल पर हुई हिंसक झड़प को देखते हुए सभी सोशल मीडिया पोस्ट को निलंबित करने के लिए कहा गया है। यह कदम आमतौर पर आतंकवादी हमले या बड़ी प्राकृतिक आपदा के दौरान उठाया जाता है।