रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को समाप्त कराने की कवायद लगातार जारी है। हाल में ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति की मुलाकात अलास्का में हुई थी। इसके ठीक बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अब अमेरिका पहुंचे हैं और व्हाइट हाउस में वह राष्ट्रपति ट्रंप से मिलेंगे।
दरअसल, इससे पहले भी यूक्रेन के राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस का दौरा किया था। उस वक्त जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच एक तीखी बहस देखने को मिली थी। इसके बाद एक बार फिर जेलेंस्की अमेरिका पहुंच रहे हैं। हालांकि, इस बार बातचीत के टेबल पर जेलेंस्की अकेले नहीं होंगे। उनके साथ अन्य देशों के नेता भी उपस्थित रहेंगे।
जेलेंस्की और ट्रंप के साथ बैठक में ये लोग भी होंगे शामिल
बताया जा रहा है जेलेंस्की और ट्रंप के बीच होने वाली इस बैठक के दौरान ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि अमेरिका पहुंचने वालों में फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी हैं।
आज ट्रंप और जेलेंस्की की होगी मुलाकात
तय कार्यक्रम के अनुसार, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 18 अगस्त 2025 को बैठक होनी है। दोनों के बीच ये महत्वपूर्ण बैठक वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस में होगी। अमेरिकी समय के मुताबिक, ये मीटिंग दोपहर एक बजे होगी, भारतीय समयानुसार ये मीटिंग ये रात के 9.30 बजे होगी।
क्या बोले जेलेंस्की?
अमेरिका पहुंचने के बाद जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका और हमारे यूरोपीय मित्रों के साथ हमारी साझा शक्ति के रूस को वास्ताविक शांति के लिए प्रेरित करेगी। हालांकि, राष्ट्रपति ने जेलेंस्की को धन्यवाद दिया है। इसके साथ ही कहा कि इस युद्ध को जल्दी और सुरक्षित रूप से समाप्त करना है। ध्यान देने योग्य बात है कि दोनों देशों के नेताओं के बीच ये बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब हाल में ही अलास्का में पुतिन और ट्रंप की मुलाकात हुई थी।
मीटिंग से पहले ट्रंप का संदेश
गौरतलब है कि ट्रंप और जेलेंस्की की मीटिंग से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक कड़ा संदेश दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन को क्रीमिया पर फिर से दावे की बात को भूल जाना चाहिए। ट्रंप यहीं नहीं रूके उन्होंने जेलेंस्की से यह भी कह डाला कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनाने के लिए ललायित न रहें। यहां आपको जानना चाहिए कि रूस को लगता है कि अगर यूक्रेन नाटो की सदस्यता पाता है, तो यह रूस के लिए किसी खतरे से कम नहीं होगा।