अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने चीन के खिलाफ मजबूती से स्टैंड लेने की मांग भारत से की है. अमेरिका चाहता है की भारत WHO में चीन के खिलाफ खुल कर स्टैंड ले. गौरतलब है कि महीने के अंत तक भारत को WHO के Executive Board का नेत्रत्व मिलने वाला है.

कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका चीन के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के मूड में आ चुका है. अमेरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने खुलकर चीन पर आरोप लगाते हुए चीन के खिलाफ सैक्शन्स लगाने तक का ऐलान कर दिया है तो अब अमेरिका चाहता है की भारत भी खुल कर चीन के खिलाफ विश्व स्तर पर स्टैंड ले.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका समेत हाल फिलहाल तक चीन से करीबी रिश्ते रखने वाले ऑस्ट्रेलिया ने भारत से मांग की है कि भारत चीन के खिलाफ मजबूती से स्टैंड लेने और WHO से चीन के खिलाफ जांच कि मांग में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का साथ दे.
गौरतलब है कि महीने के अंत तक भारत को WHO की Executive Board का नेत्रत्व मिलने वाला है. जानकारों का भी मानना है की सच्चाई सामने लाने के लिए भारत को इस मामले मे पोजीशन लेना चाहिए.
हालांकि जानकारों के मुताबिक चीन के खिलाफ खुल कर आना भारत के लिए टाइट रोप सिच्युएशन जैसा होगा. क्योंकि भारत के अमेरिका से रिश्ते मजबूत हैं तो दूसरी तरफ पड़ोसी देश चीन से भी तमाम विरोधाभास के बावजूद भारत बातचीत का रास्ता ही बेहतर समझता है. चीन के खिलाफ खुल कर मैदान में उतरना भारत के लिए इतना आसान भी नहीं होगा.
कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ये दावा करके भी सब को चौंका दिया था की उनके पास इस बात के सबूत हैं कि चीन ने साजिश के तहत कोरोना वायरस को दुनिया भर में फैलाया है.
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