अमेरिकन पॉडकास्टर के साथ चर्चा में पीएम ने किया मध्य प्रदेश के मिनी ब्राजील का ज़िक्र

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का विचारपुर गांव “मिनी ब्राजील” के रूप में चर्चित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन संग बातचीत में इसका ज़िक्र किया। फुटबॉल की चार पीढ़ियों की परंपरा और कोच रईस अहमद के प्रयासों ने इस गांव को राष्ट्रीय पहचान दिलाई है।

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का विचारपुर गांव मिनी ब्राजील के नाम से विदेश में भी चर्चाओं में आ गया है। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर होस्ट लेक्स फ्रिडमैन से विस्तार के साथ खेल को लेकर बातचीत की। उन्होंने भारत में खेलों के प्रति लगाव और बढ़ती लोकप्रियता पर भी चर्चा की। इस दौरान पीएम ने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का जिक्र करते हुए बताया कि वहां के लोग चार पीढ़ियों से फुटबॉल खेल रहे हैं।

विदेशी पॉडकास्टर होस्ट लेक्स फ्रिडमैन ने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खेल के बारे में सवाल किया गया तो तुरंत उनके दिमाग में मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के मिनी ब्राजील कहे जाने वाले गांव विचारपुर का ख्याल आया। चूंकि शहडोल जिले के ग्राम पकरिया में आयोजित सभा के दौरान प्रधानमंत्री ने यहां के आदिवासी खिलाड़ियों एवं उन्हें प्रशिक्षित करने वाले वर्तमान संयुक्त संचालक लोक शिक्षण शहडोल संभाग राईस अहमद से चर्चा की थी। जो अब भी उनके ज़हन में थी।

इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े ही प्रसन्नता के साथ शहडोल के इस मिनी ब्राजील का ज़िक्र किया और अपने इंटरव्यू में बताया कि वहां के लोग चार पीढ़ियों से फुटबॉल खेल रहे हैं। इस जिले के निवासियों में इस खेल के प्रति गहरा लगाव है। पीएम ने बताया कि वहां के लोग अपने क्षेत्र को ‘मिनी ब्राजील’ भी कहते हैं।

कई बार कर चुके तारीफ
जुलाई साल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहडोल जिले का दौरा किया था, और ये दौरा उन्हें इतना भा गया कि अब शहडोल जिले के एक छोटे से आदिवासी बाहुल्य गांव की तारीफ़ अब वो एक बार नहीं बल्कि कई बार कर चुके हैं। एक बार फिर से उन्होंने शहडोल जिले के इस मिनी ब्राजील की बात की है, जो सुर्खियों में है।

प्रधानमंत्री द्वारा शहडोल के फ़ुटबाल खिलाड़ियों का ज़िक्र करने के बाद एक बार फिर जिले का नाम रोशन हो गया है। एक आदिवासी गांव के बच्चों को आज इस मुकाम तक पहुंचाने में पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी एवं (एनआईएस) फ़ुटबॉल कोच तथा वर्तमान संयुक्त संचालक लोक शिक्षण शहडोल संभाग रईस अहमद की अहम भूमिका है। उन्होंने आज से करीब 23 बरस पहले वर्ष 2002 में विचारपुर गांव के आदिवासी खिलाड़ियों को फुटबॉल खेल का प्रशिक्षण देना शुरू किया।

अहमद की मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि अब तक शहडोल जिले से 60 से 70 राष्ट्रीय स्तर के फ़ुटबॉल खिलाड़ी निकल चुके हैं। उन्होंने बताया कि मेरी इच्छा थी कि मैं इन आदिवासी बच्चों को खेल के उच्च पायदान तक लेकर जाऊं और मैं काफी हद तक इसमें सफल भी हुआ। आज यही विचारपुर मिनी ब्राजील के रूप में प्रदेश ही नहीं देश में जाना जाने लगा है।

संयुक्त संचालक अहमद ने यह भी बताया कि हमने सामाजिक संस्था की मदद से ऐसे होनहार खिलाड़ियों कई लायसेंस कोर्स कराकर उन्हें कोच बनाकर रोजगार से भी जोड़ने का प्रयास किया। यह सब जिले वासियों के सहयोग से संभव हो पाया है।

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